
Chandigarh Mayor Election
Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम की राजनीति में 29 वर्षों बाद बदलाव हुआ है। अब मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव बैलेट पेपर के जरिए गुप्त मतदान से नहीं, बल्कि ‘शो ऑफ हैंड्स’ यानी हाथ उठाकर वोटिंग की प्रक्रिया से होगा। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस फैसले को मंजूरी देते हुए नगर निगम एक्ट में संशोधन कर दिया है। यह नई व्यवस्था अगले मेयर चुनाव से लागू हो जाएगी।
Chandigarh Mayor Election: अनिल मसीह विवाद बना बदलाव की वजह
इस फैसले की नींव अनिल मसीह विवाद के बाद पड़ी, जब मेयर चुनाव के दौरान गुप्त मतदान को लेकर भारी विवाद हुआ था। 1996 में लागू हुए नगर निगम कार्यविधि और कार्य संचालन विनियम के तहत अब तक मेयर चुनाव गुप्त मतदान से होता था। लेकिन सवाल यह उठने लगे थे कि जब सभी 35 पार्षद पार्टी सिंबल पर चुनकर आते हैं, तो फिर गुप्त मतदान की जरूरत क्यों?
इसी मुद्दे पर पूर्व मेयर कुलदीप कुमार ने अक्टूबर 2024 में एक प्रस्ताव पारित कराया, जिसे सांसद मनीष तिवारी का भी समर्थन मिला। बाद में कुलदीप ने जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने अंतिम निर्णय प्रशासन पर छोड़ दिया। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर कार्यालय ने बदलाव का मसौदा तैयार किया, जिसे अब औपचारिक मंजूरी मिल गई है।
Chandigarh Mayor Election: हाथ उठाकर वोटिंग से बढ़ेगी पारदर्शिता
नई व्यवस्था के तहत होने वाली खुली वोटिंग से पारदर्शिता में इजाफा होगा। इसका मुख्य उद्देश्य क्रॉस वोटिंग पर लगाम लगाना है। पहले गुप्त मतदान के कारण कई बार विपक्षी गठबंधन के पार्षद सत्ताधारी पार्टी को वोट दे देते थे, लेकिन पहचान न होने से कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी। अब ‘शो ऑफ हैंड्स’ से कौन किसे वोट दे रहा है यह साफ नजर आएगा, जिससे अनुशासनहीनता पर सीधी कार्रवाई संभव होगी।
Chandigarh Mayor Election: राजनीतिक जवाबदेही की दिशा में अहम कदम
यह बदलाव चंडीगढ़ नगर निगम की राजनीति में जवाबदेही और पारदर्शिता को और मजबूत करेगा। पार्टी लाइन से अलग जाकर वोटिंग करने वाले पार्षद अब छुप नहीं पाएंगे, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा होगी और जनता के प्रति जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही भी तय होगी।
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