
CG Nikay Chunav 2025
रायपुर : CG Nikay Chunav 2025 : गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में नगरपालिका और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2025 के तहत 25 जनवरी को आयोजित मतदान दल प्रशिक्षण में अनुपस्थित पाए गए
CG Nikay Chunav 2025 : 42 अधिकारियों और कर्मचारियों को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई उन कर्मचारियों के खिलाफ की गई है, जो प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे और इसके लिए उन्हें जवाब देने का आदेश दिया गया है।
कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, चेतावनी दी है कि अगर निर्धारित समयावधि में संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है
तो उनके खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। यह नोटिस कलेक्टर की ओर से चुनाव की प्रक्रिया की गंभीरता और प्रशिक्षण के महत्व को देखते हुए जारी किया गया है, ताकि चुनाव संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना हो।
CG Nikay Chunav 2025
आखिर क्या था प्रशिक्षण?
25 जनवरी 2025 को गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में नगरपालिका और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2025 के मतदान दल के सदस्यों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया था।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य चुनाव में मतदान कार्यों को सही और प्रभावी तरीके से संचालन करने के लिए कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश और प्रक्रियाओं से अवगत कराना था।
अनुपस्थित कर्मचारियों की सूची
प्रशिक्षण के दौरान सेमरा, पेण्ड्रा और मरवाही स्थित केंद्रों पर कुल 42 अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इनमें विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल हैं
जिनमें सहायक ग्रेड, उप अभियंता, प्रधान पाठक और श्रम निरीक्षक शामिल हैं। इन कर्मचारियों की अनुपस्थिति ने चुनावी कार्यों के संचालन में संभावित रुकावट उत्पन्न कर दी थी।
कलेक्टर का कड़ा रुख
कलेक्टर ने इस अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनावी प्रक्रिया की सफलता में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि यदि संबंधित कर्मचारियों ने समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आगे की कार्रवाई
कलेक्टर ने यह भी बताया कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिलता है, तो एकपक्षीय कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं
या उन्हें अन्य कड़ी सजा दी जा सकती है। कलेक्टर का यह कदम यह दिखाता है कि चुनावी कार्यों के दौरान किसी प्रकार की लापरवाही से समझौता नहीं किया जाएगा और हर कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा।
चुनाव की तैयारी पर प्रभाव
यह घटना एक और उदाहरण है कि चुनावी कार्यों में कर्मचारियों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। मतदान दल के प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों की अनुपस्थिति चुनावी प्रक्रिया के सुचारू संचालन पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।
कलेक्टर की इस कड़ी कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि चुनाव के हर कदम को सख्ती से पूरा किया जाएगा, ताकि प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके।
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