
CG News : जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में आजादी के 78 साल बाद एक नया इतिहास रचा जा रहा है। कभी नक्सलियों के गढ़ रहे सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले के 29 गांवों में पहली बार स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया जाएगा। जहां कभी काले झंडे और लाल आतंक का साया हावी था, वहां अब तिरंगा शान से लहराने को तैयार है। यह उपलब्धि सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों और लगातार अभियानों का परिणाम है, जिसने नक्सलवाद के अभेद्य किले को तोड़कर इन गांवों में विकास और आजादी की किरण पहुंचाई है।
CG News : बीजापुर के 11 गांवों में पहली बार स्वतंत्रता दिवस-
बीजापुर जिले के 11 गांवों में सुरक्षा बलों की पहुंच स्थापित हो चुकी है। इनमें पुजारी कांकेर जैसे संवेदनशील इलाके भी शामिल हैं, जहां हाल ही में कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के खिलाफ सबसे लंबा और प्रभावी ऑपरेशन चलाया गया था। कोंडापल्ली और जिडपल्ली जैसे गांव, जो कभी नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 का कोर क्षेत्र माने जाते थे, अब तिरंगे के स्वागत के लिए तैयार हैं। इन गांवों में सुरक्षा कैंपों की स्थापना और लगातार सर्च ऑपरेशन ने नक्सलियों के प्रभाव को कमजोर किया है।
CG News : नारायणपुर और अबूझमाड़ में नया सवेरा-
नारायणपुर जिले के 11 गांवों में भी इस बार पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। अबूझमाड़, जिसे कभी नक्सलियों का अभेद्य गढ़ माना जाता था, वहां भी सुरक्षा बलों ने कई नए कैंप स्थापित किए हैं। 21 मई को इसी क्षेत्र में नक्सलियों के शीर्ष कमांडर बसवराजु के एनकाउंटर ने नक्सलवाद को बड़ा झटका दिया था। अब इन गांवों में तिरंगा फहराकर सुरक्षा बल और स्थानीय लोग आजादी का जश्न मनाएंगे।
CG News : सुकमा के 7 गांवों में तिरंगे की शान-
सुकमा जिले के 7 गांवों में भी इस बार स्वतंत्रता दिवस का उत्सव पहली बार आयोजित होगा। ये गांव दशकों तक नक्सलियों के प्रभाव में रहे, जहां प्रशासन और पुलिस की पहुंच नामुमकिन थी। अब इन गांवों में सुरक्षा बलों की मौजूदगी और विकास कार्यों ने नई उम्मीद जगाई है।
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