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CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले का कोपरा जलाशय बुधवार को आधिकारिक रूप से रामसर रामसर साइट घोषित हो गया। यह छत्तीसगढ़ का पहला और देश का 85वां रामसर साइट है। वैश्विक स्तर पर यह दर्जा उन आर्द्रभूमियों को मिलता है जो जैवविविधता, जल संरक्षण और पर्यावरण के लिए असाधारण महत्व रखती हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे “प्रदेश के लिए गर्व और सम्मान का क्षण” बताते हुए कहा कि यह उपलब्धि “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” के तहत 2030 तक 20 वेटलैंड्स को रामसर साइट बनाने के लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम है।
CG News: सीएम साय ने कहा, “कोपरा जलाशय को यह मान्यता स्थानीय समुदाय, पर्यावरण विशेषज्ञों और वेटलैंड प्राधिकरण के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इससे इको टूरिज्म को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, बस्तर-बिलासपुर क्षेत्र में हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और वेटलैंड संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ेगी।” उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस अमूल्य प्राकृतिक धरोहर की सुरक्षा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
CG News: वन मंत्री केदार कश्यप ने इसे “छत्तीसगढ़ की पर्यावरण नीति की बड़ी जीत बताया। कोपरा जलाशय अपनी अनूठी पारिस्थितिकी, सैकड़ों प्रवासी पक्षियों और जल परितंत्र की समृद्धि के लिए जाना जाता है। रामसर टैग मिलने से अब यहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आएंगे, बर्ड वॉचिंग, इको टूर और रिसर्च सेंटर विकसित होंगे। स्थानीय लोग अब गाइड, होमस्टे और हस्तशिल्प से कमाई कर सकेंगे।
CG News: रामसर कन्वेंशन के तहत दुनिया में अब तक 2,500 से ज्यादा साइट्स हैं। भारत में सबसे ज्यादा रामसर साइट्स तमिलनाडु (18) के पास हैं, जबकि छत्तीसगढ़ अब इस सूची में शामिल हो गया। पर्यावरणविदों का कहना है कि यह कदम जलवायु परिवर्तन से जूझते छत्तीसगढ़ के लिए ऑक्सीजन का काम करेगा। कोपरा जलाशय अब सिर्फ एक झील नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की ग्लोबल पहचान बन चुका है।
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