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CG News : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में खराब मशीनों को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इस मुद्दे पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर विभाग के सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे अगली सुनवाई से पहले व्यवस्थाओं में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का विस्तृत व्यक्तिगत शपथ पत्र (अफिडेविट) प्रस्तुत करें।
CG News : दरअसल, विभागीय सचिव ने 22 और 24 नवंबर को कोर्ट में दो अलग-अलग एफिडेविट दाखिल किए थे, जिनमें बताया गया था कि राज्यभर के प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) में सुविधाओं को इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड्स के अनुरूप बनाने के प्रयास जारी हैं। इसके तहत CHC में 24×7 इमरजेंसी सेवाएं, ओपीडी-आईपीडी उपचार, एंटी-नेटल व पोस्ट-नेटल केयर, सामान्य प्रसव सुविधा, ऑपरेशन सेवाएं, लैब डायग्नोस्टिक्स, एक्स-रे, जरूरी दवाइयां व अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
CG News : सरकार ने बताया कि कुल 217 सिविल अस्पताल और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, जिनकी संयुक्त बेड क्षमता 5626 है, को इस प्रकार सुव्यवस्थित किया जा रहा है कि सभी केंद्रों पर सामान्य प्रसव की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके।
CG News : हाईकोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि बिलासपुर जिले में कई स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक पाई गई। कई कम्युनिटी और प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में दोपहर तक डॉक्टरों की अनुपस्थिति, कुछ केंद्रों का दोपहर 2 बजे के बाद बंद मिलना और जिन स्थानों पर डॉक्टर मौजूद थे वहां जरूरी दवाइयों का अभाव पाया गया। इस पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाबदेही तय करने को कहा।
CG News : हाईकोर्ट ने साफ किया है कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अगले आदेश तक मामले की निगरानी जारी रहेगी।
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