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CG News : रायपुर। छत्तीसगढ़ में बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी के चलते लू (हीट स्ट्रोक) का खतरा गहराता जा रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने लू से बचाव और उसके प्रबंधन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने आम जनता से सतर्कता बरतने और आवश्यक बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है, ताकि लू के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सके।
CG News : स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, लू लगने के लक्षणों में सिरदर्द, तेज बुखार, मुंह सूखना, चक्कर आना, उल्टी, कमजोरी, शरीर में दर्द, अत्यधिक प्यास और भूख में कमी शामिल हैं। बचाव के लिए जरूरी उपायों में बिना जरूरत घर से बाहर न निकलना, धूप में निकलते समय सिर और कान को कपड़े से ढकना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और हल्के सूती कपड़े पहनना शामिल है। इसके अलावा, अधिक पसीना आने पर ओआरएस घोल का सेवन करने, चक्कर या मितली आने पर छायादार जगह पर आराम करने और शीतल पेय जैसे फल का रस, लस्सी या मठा लेने की सलाह दी गई है।
CG News : यदि कोई व्यक्ति लू से प्रभावित हो जाता है, तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार देना आवश्यक है। मरीज के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखनी चाहिए, जलजीरा, कच्चे आम का पना या ओआरएस घोल पिलाना चाहिए और पंखे की हवा में आराम देना चाहिए। शरीर पर ठंडा पानी छिड़कने से भी राहत मिलती है। मितानिन या एएनएम से ओआरएस पैकेट प्राप्त कर मरीज को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाना जरूरी है। इसके अलावा, निशुल्क चिकित्सा परामर्श के लिए 104 आरोग्य सेवा केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
CG News : राज्य सरकार ने सभी शासकीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को लू के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत प्रत्येक अस्पताल में ओपीडी में लू के लक्षणों की जांच अनिवार्य की गई है और कम से कम दो बेड लू प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। अस्पतालों में कूलर और ठंडे पेयजल की व्यवस्था करने, ओआरएस कॉर्नर और प्राथमिक उपचार कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जबकि अधिक प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल चिकित्सा दल तैनात किए जा रहे हैं। साथ ही, दवाइयों, ओआरएस और आईवी फ्लूड की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
CG News : स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे गर्मी के दौरान सावधानी बरतें, खासतौर पर बच्चों को ढककर रखें, प्यास लगने पर तुरंत पानी पिएं और लू के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह पहल न केवल लू से बचाव बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में सरकार का एक अहम कदम है।
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