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CG News : रायपुर। मंदिर हसौद नगर पालिका परिषद के क्षेत्रीय पार्षद और अधिवक्ता अनुज मिश्रा ने जरूरतमंद परिवारों को राहत दिलाने के लिए एक साहसिक कदम उठाया है। उन्होंने केंद्रीय आवास मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) के नियमों में शिथिलता की मांग की है। खास तौर पर, मंदिर हसौद के वार्ड नंबर 12, 13, 14, 19 और 20 में ट्रस्ट की भूमि पर रहने वाले गरीब परिवारों को योजना का लाभ दिलाने की अपील की गई है, जो वर्तमान में कच्चे, टीन शेड या छप्पर युक्त मकानों में निवास कर रहे हैं।
CG News : पार्षद मिश्रा ने अपने पत्र में बताया कि इन वार्डों में रहने वाले लोग कई वर्षों से ट्रस्ट की जमीन पर बसे हैं और नगर पालिका ने उन्हें पानी, बिजली, सड़क और नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की हैं। फिर भी, ट्रस्ट भूमि पर होने के कारण इन्हें पीएमएवाई-यू 2.0 से वंचित रखा जा रहा है, जो अनुचित है। उन्होंने मांग की कि यदि निकाय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दे, तो इन जरूरतमंद परिवारों को योजना का लाभ मिलना चाहिए। साथ ही, जिनके पास पहले से कच्चे या जर्जर मकान हैं, उन्हें विस्तारीकरण या नवीनीकरण के लिए भी योजना में शामिल किया जाए, न कि केवल रिक्त भूमि वाले परिवारों को ही पात्र माना जाए।
CG News : मिश्रा ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान नियमों के तहत 2500 वर्गफीट से अधिक भूमि वाले परिवारों को अपात्र घोषित किया जाता है, जो संयुक्त परिवारों के लिए अनुचित है। यदि सह-खाताधारक अनापत्ति दें, तो जरूरतमंद सदस्यों को लाभ से वंचित न किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि योजना का मकसद शहरी गरीबों और निम्न आय वर्ग को किफायती आवास देना है, लेकिन कड़े नियमों के कारण कई पात्र परिवार इससे बाहर हो रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों में नियमों में लचीलापन लाने की अपील की है, ताकि मंदिर हसौद जैसे क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंदों का सपना साकार हो सके।
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