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CG News: रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को साकार करने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘अंजोर छत्तीसगढ़’ के तहत एक ठोस रोडमैप प्रस्तुत किया है। रायपुर में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) द्वारा आयोजित ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट 2025 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। समिट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ को भारत का स्टील हब और ग्रीन इंडस्ट्री का केंद्र बनाने की रणनीतियों को साझा किया।
मुख्यमंत्री साय का संबोधन: छत्तीसगढ़ बनेगा स्टील हब
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने CII को धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘अंजोर छत्तीसगढ़’ का विजन 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का आधार है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत विश्व का स्टील हब बने, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हमारी नई औद्योगिक नीति में स्टील और पावर सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन दिए गए हैं, जिसमें रियायती भूमि, लॉजिस्टिक सुविधाएं और वित्तीय अनुदान शामिल हैं।”
सीएम साय ने जलवायु परिवर्तन को वैश्विक चुनौती बताते हुए ग्रीन एनर्जी और शून्य कार्बन उत्सर्जन पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित एनर्जी समिट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। रेल अधोसंरचना के विस्तार से कच्चे माल की ढुलाई लागत में कमी आएगी, जिससे उद्योगों को और मजबूती मिलेगी।
नई औद्योगिक नीति 2024-30: ग्रीन उद्यमों को प्रोत्साहन
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने 1 नवंबर 2024 से लागू छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-30 की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज, बिजली और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिसके कारण निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। नई नीति में ग्रीन स्टील और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। ग्रीन हाइड्रोजन, बायो-गैस, एनर्जी ऑडिट, और जल दक्षता जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले उद्यमों को विशेष वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
बस्तर के लिए विशेष पैकेज
मंत्री देवांगन ने बताया कि बस्तर के समृद्ध आयरन ओर भंडारों के दोहन और स्थानीय विकास के लिए स्टील और कोर सेक्टर की इकाइयों को अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे। इनमें आयरन ओर रॉयल्टी पर 50% तक, कोयला रॉयल्टी पर 100% और राज्य सेस पर 150% तक की प्रतिपूर्ति शामिल है। यह कदम बस्तर को औद्योगिक विकास का केंद्र बनाने में मदद करेगा।
उद्योगों के लिए व्यापक वित्तीय सहायता
नई नीति में उद्योगों को नेट SGST, विद्युत शुल्क, स्टांप शुल्क, पंजीयन शुल्क, डायवर्शन शुल्क, जल कर और रॉयल्टी की प्रतिपूर्ति के साथ-साथ रोजगार व्यय, EPF, और प्रशिक्षण लागत पर भी सहायता दी जाएगी। 1,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश या 1,000 से अधिक रोजगार सृजन करने वाले उद्योगों के लिए ‘बी-स्पोक योजना’ के तहत विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
ग्रीन स्टील समिट: वैश्विक मंच पर छत्तीसगढ़
दो दिवसीय ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट 2025 में देश-विदेश से आए 400 से अधिक उद्योगपतियों, विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। CII ईस्टर्न रीजन के चेयरमैन शास्वत गोयनका, उद्योग सचिव रजत कुमार, और उद्योगपति सिद्धार्थ अग्रवाल सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं। समिट में ग्रीन स्टील उत्पादन, जैसे ग्रीन हाइड्रोजन डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन (DRI) और स्क्रैप-बेस्ड इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (EAF), पर चर्चा हुई, जो कार्बन उत्सर्जन को 97% तक कम कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ का स्टील उत्पादन: ताकत और संभावनाएं
छत्तीसगढ़ भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक राज्य है, जिसने वित्त वर्ष 2024 में 19 मिलियन टन क्रूड स्टील का उत्पादन किया। BigMint के अनुसार, 2030 तक राज्य का स्टील उत्पादन 27 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 50% की वृद्धि होगी। बस्तर और अन्य क्षेत्रों में आयरन ओर और कोयला जैसे संसाधनों की प्रचुरता इसे स्टील हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
स्टेट कैपिटल रीजन और औद्योगिक पार्क
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) के विकास के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकरण गठित किया गया है। इसके साथ ही, स्टील और संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से छत्तीसगढ़ में निवेश कर भारत के स्टील हब निर्माण में सहयोग करने की अपील की।
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