CG News: हाईकोर्ट
CG News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने प्रदेश में पुलिस कर्मियों की आवासीय स्थिति पर चिंता जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि जर्जर मकानों को खाली कर नए मकान बनाए जाएं। जिन जवानों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मकान से बेघर किया गया है, उन्हें मकान उपलब्ध कराएं। साथ ही नए आवासों के लंबित प्रस्ताव को मंजूरी भी दी जाए। केस की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।
CG News: हाईकोर्ट ने जर्जर पुलिस आवास के मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। बुधवार को मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस आवास निगम के एमडी ने शपथ पत्र पेश किया। इसमें स्वीकार किया है कि प्रदेश में पुलिसकर्मियों के आवास की स्थिति गंभीर है। निगम ने पिछले 6 साल में राज्यभर में 6,914 पुलिस आवासों का निर्माण किया है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस कर्मियों के आवास संतोषजनक नहीं हैं। हाल ही रायपुर के आमानाका में 24 पुलिस क्वार्टरों को पीडब्ल्यूडी ने अत्यधिक क्षतिग्रस्त घोषित किया गया है और इन आवासों के मरम्मत के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
CG News: कोर्ट में दाखिल शपथपत्र के मुताबिक प्रदेश में पुलिस बल की कुल स्वीकृत संख्या 83,259 है, जबकि उपलब्ध क्वार्टर सिर्फ 18,396 हैं। यानी महज 22.09 प्रतिशत पुलिसकर्मी ही क्वार्टर पा सके हैं। बाकी जवान आज भी जर्जर और अनुपयुक्त मकानों में रहने को मजबूर हैं। रायपुर के आमानाका स्थित 24 पुलिस क्वार्टरों को पीडब्ल्यूडी ने पूरी तरह अमरम्मत योग्य घोषित कर दिया है। वहीं, बिलासपुर कोतवाली में 56 पुलिस कर्मियों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मकान खाली कराए गए थे। शर्त थी कि उनके लिए नए मकान और जी प्लस-1 पुलिस स्टेशन बनाया जाएगा, लेकिन आज तक बजट भी आवंटित नहीं हुआ।
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