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CG News: भिलाई। भिलाई नगर पुलिस और एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की संयुक्त टीम ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 12.50 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शहबाज उर्फ मोहम्मद फैजल अहमद (निवासी मवाना, मेरठ, यूपी) और अनस खान (निवासी सिविल लाइन, फतेहपुर, यूपी) के रूप में हुई है।
फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर दी धमकी
पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुखनंदन राठौर ने बताया कि 1 जुलाई 2025 को सेक्टर-7, भिलाई निवासी शोभा झा को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई और क्राइम ब्रांच, कोलावा (मुंबई) का अधिकारी बताते हुए पीड़िता को मनी लॉन्ड्रिंग, ठगी और अन्य गंभीर अपराधों में फंसाने की धमकी दी। फोन पर ही आरोपियों ने दावा किया कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 198, 223 और 420 के तहत मामला दर्ज है।
डर के मारे पीड़िता ने खुद को डिजिटल अरेस्ट मान लिया और पांच दिनों तक आरोपियों के निर्देश पर अपनी जमा पूंजी और गहने गिरवी रखकर 12.50 लाख रुपये इकट्ठा किए। इस राशि को आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कराया गया। आरोपियों ने जांच के बाद रकम वापस करने का झांसा भी दिया।
किराए के मकान से चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी फतेहपुर, उत्तर प्रदेश में किराए के मकान से फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। तकनीकी विश्लेषण से सामने आया कि आरोपी अनस खान फर्जी सिम कार्ड्स इकट्ठा कर फैजल को उपलब्ध कराता था। फैजल इन सिम कार्ड्स का उपयोग कॉल कन्वर्टर मशीन और आधुनिक सॉफ्टवेयर के जरिए करता था, जिससे एक समय में 90 से 100 सिम कार्ड्स के माध्यम से कॉल्स को फॉरवर्ड किया जाता था। यह सॉफ्टवेयर आरोपियों की पहचान छुपाने में मदद करता था।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन कॉल कन्वर्टर मशीन, एक लैपटॉप, 105 सिम कार्ड्स और पांच मोबाइल फोन जब्त किए हैं। मामले की जांच जारी है, और पुलिस अन्य संभावित पीड़ितों और आरोपियों के नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
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