
CG News : अंबिकापुर। मैनपाट और धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र की सीमा पर एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया, जहां पहाड़ी कोरवा जनजाति के एक परिवार का 11 हाथियों के दल से सामना हो गया। एक गुस्साए हाथी ने सूंड से हमला कर महिला और उसकी गोद में मौजूद मासूम बेटी को दूर फेंक दिया। इस घटना में तीन लोग बाल-बाल बचे, जब कुनकुरी खुर्द के ग्रामीणों और वन विभाग के गजराज वाहन की टीम ने समय रहते शोर मचाकर हाथियों को खदेड़ दिया।
CG News : जानकारी के अनुसार, कंडराजा के जंगल में रहने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग अपने घर की ओर जा रहे थे। यह क्षेत्र मैनपाट और धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र की सीमा पर स्थित है, जहां इन दिनों 11 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। शनिवार रात एक महिला अपनी मासूम बेटी और दो अन्य लोगों के साथ जंगल के रास्ते घर लौट रही थी। स्थानीय लोगों ने उन्हें हाथियों की मौजूदगी की चेतावनी देकर उस रास्ते से जाने से मना किया था, लेकिन परिवार ने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया।
CG News : इसी दौरान उनका सामना हाथियों के दल से हो गया। स्थिति को भांपने से पहले ही एक हाथी ने सूंड से हमला कर दिया। हमले में महिला अपनी गोद में मौजूद बच्ची समेत दूर फेंक दी गई, और अन्य लोग भी कीचड़ में गिर पड़े। हादसे की गंभीरता को देखते हुए वहां मौजूद कुनकुरी खुर्द के ग्रामीण और गजराज वाहन से पहुंचे वन विभाग के तीन कर्मचारियों ने तुरंत शोर मचाकर हाथियों को भगाया, जिससे परिवार की जान बच गई।
CG News : हादसे के बाद महिला, बच्ची और अन्य घायलों को तत्काल सीतापुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। सभी कीचड़ में सन गए थे और चोटिल थे। स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। मैनपाट वन परिक्षेत्र के कर्मचारी गजराज वाहन के जरिए स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर लगातार हाथियों की निगरानी कर रहे हैं।
CG News : उनकी सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इस घटना में एक बड़े हादसे को टाल दिया। वन विभाग ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे जंगल में हाथियों की मौजूदगी को ध्यान में रखकर सावधानी बरतें और रात के समय जोखिम भरे रास्तों से बचें।
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