CG liquor scam
CG NAN scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने इस मामले में गवाहों को प्रभावित करने के गंभीर आरोपों के चलते पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा, आलोक शुक्ला और राज्य के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ नया मामला दर्ज किया है।
यह एफआईआर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा पूर्व में दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर दर्ज की गई है। इन तीनों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध दर्ज किए गए हैं।
CG NAN scam: 2015 के नान घोटाले से जुड़ा मामला
गौरतलब है कि नान घोटाले की जांच पहले ईओडब्ल्यू द्वारा की जा रही थी। इसी जांच के दौरान यह सामने आया कि टूटेजा, शुक्ला और वर्मा ने 2015 में दर्ज नान घोटाले के केस में गवाहों को डराने, धमकाने और प्रभावित करने का प्रयास किया था। इसको लेकर ईओडब्ल्यू ने पिछले साल 4 नवंबर 2024 को तीनों के खिलाफ आपराधिक साजिश और गवाहों को प्रभावित करने का मामला दर्ज किया था।

CG NAN scam: सत्ता और प्रभाव का दुरुपयोग
ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में उल्लेख है कि 2018 के बाद अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला राज्य सरकार में प्रभावशाली पदों पर थे। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र और नौकरशाही में अपनी पकड़ का इस्तेमाल कर गवाहों पर दबाव बनाने की कोशिश की। इसके साथ ही उन्होंने उस वक्त के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के साथ मिलकर हाईकोर्ट में बचाव के लिए रणनीति बनाई।
CG NAN scam: व्हाट्सएप चैट से खुली पोल
जांच में खुलासा हुआ है कि इन तीनों ने कोड वर्ड्स में आपस में बातचीत की थी। वाट्सएप चैट से यह बात साबित हुई कि इनका उद्देश्य था कि वर्मा को अपने पक्ष में काम करने के लिए राजी किया जाए। इसके लिए ईओडब्ल्यू के अधिकारियों पर भी दबाव बनाकर दस्तावेजों में हेरफेर की कोशिश की गई।
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CG NAN scam: हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए बनाई गई थी साजिश
सीबीआई की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, इस साजिश का मुख्य उद्देश्य 2015 में नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के खिलाफ दर्ज मामले में कोर्ट में मजबूत पैरवी कर अग्रिम जमानत हासिल करना था। अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है, और संभावना है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।






