CBSE
CBSE: रायपुर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने देशभर के सभी संबद्ध स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक स्किल एजुकेशन को अनिवार्य विषय के रूप में लागू कर दिया है। अब इन कक्षाओं के छात्र केवल किताबों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वास्तविक जीवन से जुड़े कौशल सीखेंगे। इसमें पौधों और पशुओं की देखभाल, बेसिक मैकेनिकल स्किल्स, मशीनों व सामग्री के साथ कार्य और ह्यूमन सर्विस से जुड़े प्रैक्टिकल शामिल हैं।
CBSE: बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्किल-बेस्ड एजुकेशन को अब मुख्यधारा की पढ़ाई का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके लिए ‘स्किल बोध सीरीज’ की नई किताबों को लागू करना अनिवार्य है, जो प्रिंट और डिजिटल फॉर्मेट में उपलब्ध होंगी। प्रत्येक वर्ष छात्रों को तीन कार्य-आधारित प्रोजेक्ट पूरे करने होंगे। तीन वर्षों में कुल नौ प्रोजेक्ट्स और लगभग 270 घंटे का प्रैक्टिकल कार्य शामिल रहेगा। स्कूलों को अपने टाइमटेबल में बदलाव कर हर साल 110 घंटे स्किल एजुकेशन के लिए निर्धारित करने होंगे। प्रत्येक हफ्ते इस विषय के दो लगातार पीरियड अनिवार्य होंगे।
CBSE: प्रोजेक्ट चयन के लिए किताब में दिए छह विकल्पों में से स्कूल अपनी स्थानीय जरूरतों व संसाधनों के आधार पर तीन प्रोजेक्ट चुन सकेंगे। वहीं, शिक्षकों को भी नए कौशलों का प्रशिक्षण CBSE और NCERT संयुक्त रूप से देंगे। शैक्षणिक सत्र के अंत में स्कूलों में स्किल फेयर आयोजित होगा, जिसमें छात्र अपने मॉडल, प्रोजेक्ट और अनुभव प्रदर्शित करेंगे। मूल्यांकन में केवल 10 प्रतिशत अंक लिखित परीक्षा के होंगे, जबकि बाकी वाइवा, प्रेजेंटेशन, गतिविधि पुस्तक, पोर्टफोलियो और शिक्षक अवलोकन पर आधारित होंगे।
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