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Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां बजट पेश करने जा रही हैं। टैक्सपेयर्स और मध्यम वर्ग को इस बार राहत मिलने की उम्मीद है। इससे पहले, अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को समझने के लिए इन छह महत्वपूर्ण आंकड़ों पर नजर डालना जरूरी है।
1. राजकोषीय घाटा:
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान GDP के 4.9% पर रखा है। बजट 2025 में इस आंकड़े को नियंत्रित करने के लिए नए कदम उठाए जा सकते हैं।
2. पूंजीगत व्यय:
बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए सरकार ने 2024-25 में 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा था। उम्मीद है कि इसे और बढ़ाया जाएगा ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
3. सरकारी कर्ज:
भारत का कुल सरकारी कर्ज GDP के 85% के करीब है, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 57% है। सरकार इसे कम करने के लिए आगामी बजट में ठोस कदम उठा सकती है।
4. कर राजस्व:
सरकार की आय का बड़ा हिस्सा टैक्स से आता है। 2024-25 में सकल कर संग्रह 38.40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान था, जिसमें प्रत्यक्ष कर से 22.07 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर से 16.33 लाख करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। बजट 2025 में टैक्स से जुड़ी नई घोषणाएं हो सकती हैं।
5. आर्थिक वृद्धि दर:
भारत की GDP वृद्धि दर 2024-25 में 6.4% रहने की संभावना है। इस बजट में सरकार की कोशिश होगी कि विकास को गति देने के लिए नई योजनाएं लाई जाएं।
6. मुद्रास्फीति:
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महंगाई बढ़ी है, जिससे आम आदमी पर असर पड़ा है। बजट 2025 में इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा सकती है।
इन आंकड़ों को देखकर साफ है कि बजट 2025 में सरकार आर्थिक स्थिरता, कर राहत और विकास परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दे सकती है।
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