नई दिल्ली : Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के बजट के दौरान कई प्रमुख क्षेत्रों के लिए बड़े ऐलान किए हैं। इस बजट का कुल आकार 50,65,345 करोड़ रुपये है, जो पहली बार 50 ट्रिलियन रुपये के पार पहुंचा है। यह बजट पिछले बजटों की तुलना में काफी बड़ा है, और इसके जरिए सरकार ने इकोनॉमी और कंजंप्शन बढ़ाने के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है। इस बार का बजट सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, और इसके लिए 8% से ज्यादा का इजाफा किया गया है। खास बात यह है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने हर रोज करीब 14,000 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है।
कितना है सरकार का बजट साइज?
देश का कुल बजट 50,65,345 करोड़ रुपये है, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। पिछले कुछ वर्षों में बजट में काफी इजाफा देखा गया है। 2023 में बजट 39.33 लाख करोड़ रुपये था, 2024 में यह बढ़कर 44.43 लाख करोड़ रुपये हो गया, और अब 2025 में यह 50.65 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। इसका मतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में बजट में 28.40% का इजाफा हुआ है।
एक दिन का बजट क्या है?
अगर हम इस बजट को एक दिन के हिसाब से देखें, तो देश का एक दिन का बजट लगभग 14,000 करोड़ रुपये है। यदि हम इसे 365 से भाग करें तो यह आंकड़ा निकलता है। 2024 में यह आंकड़ा 13,000 करोड़ रुपये था, जबकि 2023 में यह 11,000 करोड़ रुपये था। इससे यह साफ है कि हर साल एक दिन का बजट लगभग 1,000 करोड़ रुपये बढ़ रहा है।
Budget 2025: सेक्टरल आवंटन क्या है?
विभिन्न सेक्टरों के लिए बजट आवंटन इस प्रकार है:
- ग्रामीण विकास के लिए 2.67 लाख करोड़ रुपये।
- गृह विभाग के लिए 2.33 लाख करोड़ रुपये।
- कृषि गतिविधियों के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपये।
- शिक्षा के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये।
- स्वास्थ्य, शहरी विकास और आईटी-टेलीकॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा।
- ऊर्जा, कॉमर्स, उद्योग और सामाजिक कल्याण के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक।
आम आदमी के लिए बजट
वित्त मंत्री ने आम बजट को “लोगों द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का” बताया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करों में कटौती के पक्ष में थे, लेकिन इसे लागू करने में समय लगा। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यम वर्ग के लोगों की आवाज को सुना गया है, जो ईमानदार टैक्सपेयर्स होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं कर पा रहे थे। इसके अलावा, भारतीय रुपया की गिरावट को लेकर सीतारमण ने कहा कि यह केवल मजबूत डॉलर के मुकाबले हुआ है, जबकि अन्य मुद्राओं के मुकाबले रुपया स्थिर बना हुआ है।
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