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Bihar News: नई दिल्ली/पटना। बिहार में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने इस प्रक्रिया का पुरजोर बचाव किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग को मरे हुए मतदाताओं, डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र धारकों और विदेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट में शामिल करने की अनुमति देनी चाहिए।
Bihar News: यह बयान तब आया है जब राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने SIR अभियान के खिलाफ तीखा विरोध जताया है। विपक्षी दलों का दावा है कि SIR की प्रक्रिया से 50 लाख से अधिक मतदाताओं के मताधिकार छिन सकते हैं। बता दें कि गुरुवार को भी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत इंडिया गठबंधन के कई सांसदों ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में संशोधन के खिलाफ संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
Bihar News: मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, “क्या चुनाव आयोग को मृत मतदाताओं को वोटर लिस्ट में रखने की अनुमति देनी चाहिए? क्या डुप्लिकेट वोटर आईडी वाले लोगों को अनुमति दी जानी चाहिए? क्या विदेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट में शामिल करना चाहिए? इस पर आपत्ति क्या है? उन्होंने जोर देकर कहा कि एक शुद्ध और सटीक मतदाता सूची लोकतंत्र की सफलता की नींव है।
Bihar News: चुनाव आयोग ने एक बयान में बताया कि SIR अभियान के तहत अब तक 56 लाख मतदाताओं को अयोग्य पाया गया है। इसमें 20 लाख मृत मतदाता, 28 लाख ऐसे मतदाता जो बिहार से बाहर चले गए हैं, 7 लाख ऐसे मतदाता जो दो जगहों पर पंजीकृत हैं, और 1 लाख ऐसे मतदाता शामिल हैं जिनका पता नहीं चल सका। CEC ने सवाल उठाया, क्या चुनाव आयोग को ऐसे मतदाताओं को नहीं हटाना चाहिए?