
भानु सप्तमी और उसकी महत्वता
भानु सप्तमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल सप्तमी तिथि को सूर्य देवता की पूजा का पर्व मनाया जाता है, जिसे भानु सप्तमी कहा जाता है। यह पर्व मार्गशीर्ष मास (नवम्बर-दिसम्बर) के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देवता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जो स्वास्थ्य, समृद्धि और आत्मबल को बढ़ाता है।
भानु सप्तमी 2024 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार दिसंबर महीने में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 07 दिसंबर को रात 11 बजकर 05 मिनट से होगी और इसका समापन 08 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, भानु सप्तमी का व्रत 08 दिसंबर को रखा जाएगा. इस दिन पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक है.
भानु सप्तमी पूजा विधि
- स्नान और उपवासा: इस दिन श्रद्धालु सूर्योदय से पहले स्नान करके उपवासी रहते हैं और सूर्य देव की पूजा करते हैं।
- सूर्य नमस्कार और मंत्र जाप: सूर्य देव की उपासना के लिए सूर्य नमस्कार और “ॐ सूर्याय नम: ” मंत्र का जाप करते हैं।
- तिल, जल और अर्घ्य: सूर्योदय के समय तिल के तेल से सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है।
- प्रसाद: इस दिन खासतौर पर तिल, जल, और आटे के लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
भानु सप्तमी का महत्व
- स्वास्थ्य लाभ: इस दिन सूर्य देव की पूजा से शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
- समृद्धि और सफलता: सूर्य की उपासना से घर में समृद्धि और व्यापार में सफलता मिलती है।
- आध्यात्मिक लाभ: सूर्य के आराधन से मानसिक शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
भानु सप्तमी का पर्व सूर्योदय के समय सूर्योदय के साथ सूर्य देव की विशेष पूजा करके शुरू किया जाता है, और इस दिन का व्रत उन लोगों के लिए खास होता है जो सूर्य की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।
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