
Bastar Pandum
रायपुर : Bastar Pandum : बस्तर की पवित्र धरती से एक नया संदेश गूंजा है। बस्तर पंडुम के समापन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान करते हुए कहा कि “मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से अगले चैत्र नवरात्रि तक बस्तर से लाल आतंक का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाएगा।” इस घोषणा ने समारोह को केवल एक सांस्कृतिक आयोजन न रखकर, एक ऐतिहासिक क्षण में बदल दिया।
इस भव्य उत्सव में, जो बस्तर की समृद्ध जनजातीय परंपरा को सम्मान देने के लिए आयोजित किया गया था, अमित शाह ने आदिवासियों की विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष संदेश भी साझा किया। उन्होंने कहा कि अगले साल बस्तर पंडुम को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा और देश के हर आदिवासी जिले से कलाकारों को इसमें आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा, विदेशों के राजदूतों को भी बस्तर लाकर इस संस्कृति से परिचित कराया जाएगा, ताकि बस्तर को वैश्विक मंच पर पहचान मिल सके।
Bastar Pandum : बस्तर पंडुम: संस्कृति, संकल्प और समर्पण का संगम
12 मार्च से शुरू हुए इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए जिला प्रशासन और संस्कृति विभाग ने 5 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था, जो अब तक का सबसे बड़ा सांस्कृतिक निवेश है। इस आयोजन ने न केवल जनजातीय जीवनशैली, लोककलाओं, संगीत, खानपान और परंपराओं को एक मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि यह आदिवासी आत्मसम्मान और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक भी बना।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि बस्तर पंडुम अब सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि यह नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की मजबूत रणनीति और बस्तर के चहुंमुखी विकास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बस्तर की पारंपरिक कला, वेशभूषा, तीज-त्योहार, वाद्य यंत्रों, व्यंजनों और रीति-रिवाजों को मूल स्वरूप में संरक्षित कर अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है
Bastar Pandum : एक नई शुरुआत की दस्तक
बस्तर पंडुम 2025 के जरिए बस्तर अब बदलाव की राह पर है – जहाँ संस्कृति का संरक्षण, विकास की गति और नक्सलवाद का खात्मा एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह आयोजन बस्तर के लिए एक सांस्कृतिक क्रांति का संकेत है, जो आने वाले वर्षों में पूरे देश और विश्व में अपनी अनूठी पहचान बना सकता है।