
Bastar Investor Connect 2025 : रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में, राज्य सरकार आगामी 11 सितंबर को बस्तर में “बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट” का आयोजन करने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य बस्तर क्षेत्र में उद्योग और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना है। इस आयोजन के माध्यम से राज्य सरकार बस्तर को देश और दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना चाहती है। इससे पहले, “इन्वेस्टर कनेक्ट” की श्रृंखला दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, रायपुर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टोक्यो, ओसाका तथा सियोल में सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी है। अब यह आयोजन बस्तर को एक नया आर्थिक और औद्योगिक केंद्र बनाने के रास्ते पर एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
Bastar Investor Connect 2025 : बस्तर में यह आयोजन छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य के संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। इस नीति के तहत, औषधि निर्माण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, आईटी और डिजिटल तकनीक, एयरोस्पेस, डिफेंस, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। बस्तर में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिसके तहत होटल, इको-टूरिज़्म, वेलनेस सेंटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स और खेल सुविधाओं जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
Bastar Investor Connect 2025 : बस्तर के लिए राज्य सरकार ने विशेष प्रोत्साहन की योजना बनाई है। निवेशकों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए बस्तर के अधिकांश ब्लॉक (88 प्रतिशत) को ग्रुप-3 श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा, एससी/एसटी उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देने के साथ-साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के परिवारों और व्यक्तियों को भी यह लाभ मिलेगा। नई औद्योगिक इकाइयों में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने पर पांच वर्षों तक उनके वेतन पर 40 प्रतिशत सब्सिडी (अधिकतम ₹5 लाख प्रति वर्ष) भी प्रदान की जाएगी।
Bastar Investor Connect 2025 : बस्तर के स्टील सेक्टर के लिए राज्य सरकार ने रॉयल्टी रीइम्बर्समेंट की सुविधा 15 वर्षों तक प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिससे निवेशकों को दीर्घकालिक स्थिरता मिलेगी और औद्योगिक विकास को मजबूती मिलेगी। बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में 200 से अधिक प्रमुख निवेशकों, उद्योग जगत के दिग्गजों और स्थानीय उद्यमियों के भाग लेने की उम्मीद है। इस अवसर पर कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है, जो बस्तर की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होंगे।