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स्क्रिप्ट बाराबंकी :प्रगतिशील किसान ने छोटे से टुकड़े से शुरू की थी स्ट्रॉबेरी की खेती एक फसल पर हो रही 10 लाख की कमाई
परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने का जज़्बा और कड़ी मेहनत का नतीजा आज किसानों को नई पहचान और बड़ा मुनाफा दे रहा है। बाराबंकी के एक किसान ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। उन्होंने ठंडे इलाकों में उगाई जाने वाली स्ट्रॉबेरी की खेती को कम ठंड वाले क्षेत्र में भी सफल बना दिया है। पहले जहां स्ट्रॉबेरी की खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में होती थी, अब यह उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी मुनाफे का सौदा बन गई है। बाराबंकी के इस किसान ने न केवल स्ट्रॉबेरी की खेती में महारत हासिल की, बल्कि इसे बेचकर लाखों का मुनाफा भी कमा रहें हैं
जिले के इस किसान ने स्ट्रॉबेरी की खेती में उन्हें लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा हो रहा है जिसके लिए वह कई वर्षों से स्ट्रॉबेरी की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं बाराबंकी जिले के हरख ब्लॉक क्षेत्र के बसबरौली गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान सत्येंद्र वर्मा ने थोड़ी सी एरिया में इसकी खेती की शुरुआत की जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला आज वह करीब तीन एकड़ से ज्यादा जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं इस खेती से लगभग उन्हें 8 से 10 लाख रुपए मुनाफा एक फशल पर हो रहा है
स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे किसान सतेंद्र वर्मा ने बताया कि इसकी खेती हमने सन 2012 में शुरुआत की थी उस समय पूरे प्रदेश में इसकी खेती कोई नहीं करता था क्योंकि इसकी खेती ज्यादातर ठंडे प्रदेशों में होती थी इसकी खेती हमने हिमाचल प्रदेश में देखी थी फिर वही से इसकी जानकारी हासिल कर थोड़े एरिया से शुरुआत की जिसमें हमें अच्छा लाभ देखने को मिला फिर धीरे-धीरे इसका रकबा हम बढ़ाते गए इस समय करीब 3 एकड़ में स्टॉबेरी की फसल लगाई है जिसमे लागत एक एकड़ में 7 लाख रुपये तक आती है जिसमे कीटनाशक दवाइयां खाद पन्नी आदि चीजे पर काफी खर्च आ जाता है इस समय हमारी स्ट्रॉबेरी पांच सौ रुपये किलो में जा रही इस हिसाब से एक एकड़ में 3 से 4 लाख रुपये मुनाफा हो जाता है हमारी जो स्ट्रॉबेरी है इसकी बिक्री ज्यादातर पटना सिलीगुड़ी नेपाल आसाम और पूर्वांचल जाती है इस समय हमारी स्ट्रॉबेरी की तोड़ाई हो रही है करीब 100 ट्रें निकल रही है इसके बाद धीरे धीरे हमारा दो सौ से पांच सौ व हजार ट्रे डेली का निकलने लगता है जो एक जगह से इसकी बिक्री नहीं हो पाती है हमारा कुछ माल बड़े-बड़े मालो में भी जाता है
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