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बांग्लादेश : बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, उनकी ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी निर्धारित की है। इससे पहले, 26 नवंबर को चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया था।
चिन्मय कृष्ण दास, जिन्हें चंदन कुमार धर के नाम से भी जाना जाता है, बांग्लादेश में वैष्णवों के प्रमुख केंद्र चटगांव पुंडरीक धाम के नेता हैं। उन्हें 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने 25 अक्टूबर को चटगांव में हिंदू समुदाय द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था।
उनकी गिरफ्तारी के बाद, चटगांव में उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें एक वकील की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए।
भारत सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न मिलने पर गहरी चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
इस बीच, बांग्लादेश के उच्च न्यायालय में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक याचिका भी दायर की गई है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उसके बाद की घटनाओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों को एक बार फिर से उजागर किया है।
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