
Banaskantha Blast: पीएम मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान, मृतकों के परिजनों को 2 लाख, घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता...
नई दिल्ली: Banaskantha Blast: गुजरात के बनासकांठा जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से बड़ा हादसा हो गया। इस विस्फोट में 18 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 3 मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं। इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
Banaskantha Blast: पीएम मोदी ने जताया शोक, किया मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट जारी करते हुए कहा कि “गुजरात के बनासकांठा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट से दुखी हूं। हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
Banaskantha Blast: कैसे हुआ हादसा?
हादसा मंगलवार सुबह 8 बजे डीसा तहसील के धुनवा रोड स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुआ। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि फैक्ट्री के आसपास का इलाका थर्रा उठा। मौके पर मौजूद मजदूरों के शरीर के टुकड़े 50 मीटर दूर तक जा गिरे। घटना की जानकारी मिलते ही दमकल विभाग की टीम ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन इसे काबू पाने में 5 से 6 घंटे का समय लग गया।
Banaskantha Blast: 2 दिन पहले ही आए थे मजदूर
पटाखा फैक्ट्री में काम करने वाले सभी मजदूर मध्य प्रदेश के हरदा जिले के हंडिया गांव के रहने वाले थे। ये मजदूर सिर्फ दो दिन पहले ही यहां काम करने आए थे। हादसे के बाद मृतकों की पहचान की जा रही है, जबकि घायलों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Banaskantha Blast: पटाखा बनाने का लाइसेंस नहीं था
हादसे की जांच में पता चला कि जिस दीपक ट्रेडर्स नाम की फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, उसके मालिक खूबचंद सिंधी के पास पटाखे बेचने का लाइसेंस था, लेकिन पटाखे बनाने की अनुमति नहीं थी। पुलिस ने अब इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और आगे की कार्रवाई जारी है।
Banaskantha Blast: प्रशासन ने शुरू की जांच
डीसा एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया कि घटना के बाद प्रशासन जांच में जुट गया है। तीन मजदूर 40% से ज्यादा झुलस गए हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिए गए हैं।
Banaskantha Blast: बनासकांठा हादसे पर उठे सवाल
यह हादसा कई गंभीर सवाल खड़े करता है:
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जब फैक्ट्री मालिक के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस नहीं था, तो वहां निर्माण कार्य कैसे चल रहा था?
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मजदूरों को सुरक्षित कार्यस्थल क्यों नहीं मिला?
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प्रशासन की निगरानी क्यों नहीं थी?
इस घटना ने पटाखा निर्माण फैक्ट्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाता है या नहीं।