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यूपी के संभल में हाल ही में खुदाई के दौरान सामने आए पुराने धार्मिक स्ट्रक्चर्स ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और धर्मगुरुओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं, और अब योगगुरू बाबा रामदेव ने भी इस मामले पर अपनी राय दी है।
रामदेव ने कहा कि संभल में जो घटनाएँ सामने आ रही हैं, उनसे यह स्पष्ट होता है कि आक्रांताओं ने न सिर्फ हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को नष्ट किया, बल्कि सनातन के गौरव चिन्हों को भी तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि यह कृत्य देश के लिए बेहद नुकसानदायक था और इसके लिए दोषियों को दंड मिलना चाहिए, हालांकि, यह काम न्यायपालिका का है।
रामदेव ने यह भी कहा कि हिंदूओं के जिन बड़े तीर्थ स्थलों पर विवाद हैं, उनके ऊपर कुछ न कुछ निर्णय लिया जाना चाहिए, ताकि पापियों को उनके कर्मों का फल मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि देश में आपसी भाईचारे को बनाए रखना चाहिए और हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
जब रामदेव से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सवाल पूछा गया कि हर मस्जिद में मंदिर ढूंढना सही नहीं है, तो उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने जो कहा, वह सही है, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर कोई और विस्तार से बयान देने से बचते हुए यही कहा कि इस विषय में कोई भी खुलकर बात नहीं करनी चाहिए।
इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान पर जब रामदेव से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की और इसे लेकर कुछ भी कहना उचित नहीं समझा। रामदेव की यह टिप्पणी यूपी के संभल में चल रहे विवाद के बीच राजनीतिक और धार्मिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
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