
Ayodhya
Ayodhya: अयोध्या। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के इतिहास में 25 नवंबर 2025 स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिखर पर 21 फीट ऊंचा ध्वज फहराएंगे। यह आयोजन न केवल मंदिर निर्माण पूर्ण होने की घोषणा का प्रतीक होगा, बल्कि विश्व को यह संदेश देगा कि भारत का यह पवित्र मंदिर अब पूर्ण भव्यता के साथ तैयार है। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री का सपना है कि राम मंदिर केवल राष्ट्र मंदिर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राम मंदिर बने, जिसे हर धर्म, वर्ग और विचारधारा के लोग श्रद्धा के साथ स्वीकार करें।
Ayodhya: ध्वज का रंग, स्वरूप और प्रतीक चिन्ह तय करने की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपी गई है। ध्वजारोहण राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर होगा। 21 से 25 नवंबर तक पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान होगा, जिसमें अयोध्या और काशी के विद्वान वैदिक आचार्यों की मौजूदगी में अनुष्ठान संपन्न कराएंगे।
Ayodhya: 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया था, और 22 जनवरी 2024 को उनके हाथों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। अब 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ मंदिर निर्माण की यह ऐतिहासिक यात्रा पूर्ण होगी। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को विश्व पटल पर और सशक्त करेगा।