
Ayodhya Deepotsav 2025
Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या। अयोध्या में नौवां दीपोत्सव 2025 इस बार केवल दीपों से नहीं, बल्कि डिजिटल तकनीक की आभा से भी सजीव होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या को विश्व स्तर पर डिजिटल और आध्यात्मिक नगरी के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। रामलला के भव्य मंदिर के दर्शन के साथ श्रद्धालु तकनीक और संस्कृति के अद्भुत संगम का अनुभव कर सकेंगे।
धर्मपथ से लेकर लता चौक, रामकथा पार्क और सरयू घाट तक हर कोना दीपों और डिजिटल रोशनी की अद्भुत छटा से जगमगाएगा।
Ayodhya Deepotsav 2025: धर्मपथ पर 30 डिजिटल स्तंभों पर रामायण के प्रसंग
Aduex Design कंपनी के डिज़ाइन मैनेजर नितिन कुमार ने बताया कि धर्मपथ पर 18 फीट ऊंचे 30 डिजिटल पिलर लगाए जा रहे हैं। इन पिलरों पर रामायण के प्रसंगों की डिजिटल झलकियां और लाइट शो दिखाए जाएंगे। यह डिजिटल प्रस्तुति 18 से 20 अक्टूबर तक चलेगी और श्रद्धालु स्वयं को त्रेता युग के दिव्य अनुभव में महसूस करेंगे।
Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर भव्य लाइटिंग
रामकथा पार्क, राम की पैड़ी, हनुमानगढ़ी, बिरला मंदिर, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल और सरयू ब्रिज तक लाइटिंग और सजावट का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। Aduex Design द्वारा लगाए जा रहे आर्च गेट्स और डिजिटल पिलर्स अयोध्या की सड़कों को आधुनिक रूप देंगे और धार्मिक भावना को भी जीवंत बनाए रखेंगे।
Ayodhya Deepotsav 2025: 26 लाख दीपों से बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड
इस बार राम की पैड़ी सहित 56 घाटों पर 26,11,101 दीपों से दीपोत्सव का विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है। प्रत्येक दीप भगवान राम के आदर्श और अयोध्या की दिव्यता का प्रतीक होगा।
Ayodhya Deepotsav 2025: मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में ऐतिहासिक आयोजन
सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह दीपोत्सव धर्म, संस्कृति और तकनीक का अद्भुत संगम प्रस्तुत करे और अयोध्या को विश्व स्तर पर एक नया पहचान दिलाए।
दीपों की रोशनी और डिजिटल प्रस्तुति का यह संगम अयोध्या को विश्व पर्यटन मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित करेगा। श्रद्धालु राममंदिर का दर्शन करने के साथ ही रामायण के अद्भुत प्रसंगों का डिजिटल अनुभव भी ले सकेंगे। अयोध्या का दीपोत्सव अब केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भारत की आस्था, संस्कृति और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन चुका है।