
Axiom Mission 4:
Axiom Mission 4: नई दिल्ली/हैदराबाद : Axiom Mission 4 के लिए अंतरिक्ष में गए भारत के शुभांशु शुक्ला समेत चारों एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी पर वापस आने के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से निकल चुके हैं. एक्सिम मिशन 4 और शुभांशु शुक्ला का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने स्पेस स्टेशन से अनडॉकिंग कर ली है. ये सभी एस्ट्रोनॉट्स 18 दिनों के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर आ रहे हैं।
स्पेस स्टेशन से वापसी की पूरी प्रक्रिया
Axiom Mission 4 के अंतरिक्ष यात्री शनिवार 14 जुलाई को दोपहर 2:50 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए। इसके बाद भारतीय समयानुसार 4:45 PM पर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने ISS से अनडॉकिंग की। अंतरिक्ष यान ने कई “डिपार्चर बर्न्स” और अन्य तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कीं, जिनमें ऑर्बिट से बाहर निकलने (Deorbit Burn), ट्रंक जेटीसन, नोजकोन क्लोजर और पैराशूट डिप्लॉयमेंट शामिल हैं। अंततः 22.5 घंटे की यात्रा के बाद यह मिशन सुरक्षित रूप से संपन्न हुआ।
गौरवशाली विदाई और ऐतिहासिक शब्द
मिशन से रवाना होने से पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक भावुक विदाई समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सभी देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने भाग लिया। भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इस मौके पर भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की ऐतिहासिक पंक्तियों को याद करते हुए कहा- 41 साल पहले कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया था और उसने बताया था कि भारत अंतरिक्ष से कैसा दिखता है। आज मैं पूरे आत्मविश्वास से कह सकता हूं कि आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मनिर्भर और गर्व से भरा हुआ दिखता है। आज भी भारत सारे जहाँ से अच्छा दिखता है।
96.5 लाख किलोमीटर का सफर और 230 सूर्योदय
Axiom Space के अनुसार, मिशन 4 के अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में लगभग 96.5 लाख किलोमीटर की दूरी तय की और 230 से अधिक सूर्योदय देखे। इनका मिशन विज्ञान, अनुसंधान और शांति संदेश के साथ पूरी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत बना।
पुनर्वास कार्यक्रम अनिवार्य
अब वापसी के बाद सभी अंतरिक्ष यात्रियों को 7 दिनों के विशेष रीहैबिलिटेशन प्रोग्राम से गुजरना होगा। इस कार्यक्रम के तहत उन्हें पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण प्रणाली में दोबारा ढलने में मदद मिलेगी, क्योंकि लंबी अवधि तक माइक्रोग्रैविटी में रहने से शरीर की जैविक प्रक्रियाओं पर असर पड़ता है। इसरो के अनुसार, यह कार्यक्रम “गगनयात्री” शुभांशु शुक्ला के पुनः सामान्य जीवन में लौटने की दिशा में एक अहम कदम होगा।
Axiom Mission 4 वापसी की टाइमलाइन (भारतीय समयानुसार)
तारीख | समय | इवेंट |
---|---|---|
14 जुलाई | 2:50 PM | Dragon Hatch Closure (कैप्सूल का हैच बंद) |
14 जुलाई | 4:35 PM | Dragon का ISS से स्वचालित Undocking |
14 जुलाई | 4:35 PM | Departure Burn 0 |
14 जुलाई | 4:40 PM | Departure Burn 1 |
14 जुलाई | 5:28 PM | Departure Burn 2 |
14 जुलाई | 6:15 PM | Departure Burn 3 |
15 जुलाई | 2:07 PM | Deorbit Burn (पृथ्वी के लिए ऑर्बिट से बाहर निकलने की प्रक्रिया होगी) |
15 जुलाई | 2:26 PM | Trunk Jettison (ट्रंक को अलग किया जाएगा) |
15 जुलाई | 2:30 PM | Nosecone Closed (नोसकोन को बंद किया जाएगा) |
15 जुलाई | 2:57 PM | Drogue Parachutes Deploy (स्टेबलाइज़िंग पैराशूट खुलेंगे) |
15 जुलाई | 2:58 PM | Main Parachutes Deploy (मुख्य पैराशूट खुलेंगे) |
15 जुलाई | 3:00 PM | Dragon का Splashdown कैलिफ़ोर्निया के तट पर होगा |
मिशन क्रू में थे ये नामचीन चेहरे
शुभांशु शुक्ला – भारत के अंतरिक्ष यात्री
Peggy Whitson – मिशन पायलट, अमेरिका
Slawosz Uznanski-Wisniewski – मिशन स्पेशलिस्ट, पोलैंड
Tibor Kapu – मिशन स्पेशलिस्ट, हंगरी
Axiom Mission 4 की सफलता ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ दिया है और शुभांशु शुक्ला की वापसी ने देशवासियों को गर्व से भर दिया है।