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नई दिल्ली :Ashtalakshmi Mahotsav 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। इस महोत्सव में पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक प्रथाओं का आकर्षक प्रदर्शन किया जाएगा, जो न केवल पूर्वोत्तर के कारीगरों के हुनर को प्रकट करेगा, बल्कि भारत की विविधता को भी दुनिया के सामने लाएगा।
भारत मंडपम में आयोजित होगा महोत्सव
इस महोत्सव का आयोजन पहली बार भारत मंडपम में 6 दिसंबर से शुरू होगा, जहां 250 से अधिक कारीगर और उद्यमी अपने हस्तशिल्प, हथकरघा और कृषि-बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। यह महोत्सव विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के उत्पादों और कला रूपों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
पूर्वोत्तर के कारीगरों का हुनर होगा प्रदर्शित
इस कार्यक्रम में शामिल कारीगर और उद्यमी 34 जीआई (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) टैग वाले उत्पादों को भी प्रदर्शित करेंगे, जिनमें विशेष प्रकार के हस्तशिल्प, हथकरघा और कृषि उत्पाद शामिल हैं। यह उत्पाद न केवल भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं, बल्कि यह पूर्वोत्तर क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
सांस्कृतिक समागम और प्रचार
अष्टलक्ष्मी महोत्सव के दौरान, जहां एक ओर पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक प्रथाओं का प्रदर्शन होगा, वहीं दूसरी ओर इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने और सांस्कृतिक आपसी समझ को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री का भाषण और उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी इस महोत्सव के उद्घाटन सत्र में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे, जहां वे देश और विदेश से आए हुए कारीगरों और उद्यमियों को सम्मानित करेंगे। उनका यह कदम न केवल पूर्वोत्तर भारत की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक अहम अवसर भी प्रदान करेगा।
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