
Amravati News
Amravati News: अमरावती: महाराष्ट्र के वन विभाग से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। धुले जिले के नवापुर में पदस्थ महिला क्षेत्रीय वन अधिकारी (RFO) स्नेहल अवसरमल, जिन्हें वन एवं वन्यजीव संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए महज 40 दिन पहले राज्य के वन मंत्री गणेश नाइक के हाथों स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था, अब भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई हैं और उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
Amravati News: आरोप गंभीर, निलंबन तत्काल
30 मई 2025 को धुले के क्षेत्रीय वन संरक्षक निनू सोमराज ने उनके निलंबन का आदेश जारी किया। स्नेहल अवसरमल पर सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने, जिम्मेदारियों से बचने और लगभग ₹45 लाख की वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है।
Amravati News: सवालों में चयन प्रक्रिया
गौर करने वाली बात यह है कि स्नेहल को जिस सेवा वर्ष (2022-23) के लिए सम्मान मिला, उसी अवधि में उनके खिलाफ पहले से शिकायतें दर्ज थीं। बावजूद इसके, राज्य की पदक चयन समिति ने उन्हें 21 मार्च 2025 को पुरस्कार दे दिया। इससे चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और विभागीय सतर्कता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
Amravati News: जांच पहले, सम्मान बाद में – कैसे?
24 फरवरी 2025 को ही उनके खिलाफ तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। जांच में सामने आया कि उन्होंने नवापुर प्रादेशिक कार्यालय में ₹26.61 लाख और मनरेगा के तहत ₹18.46 लाख की अनियमितता की। ऐसे में स्वर्ण पदक प्रदान करना प्रशासनिक चूक मानी जा रही है।
Amravati News: क्या पदक चयन समिति थी अनजान?
चयन प्रक्रिया में अधिकारी के आचरण, ईमानदारी, नवाचार और कार्यशैली की जांच अनिवार्य होती है। लेकिन यह मामला दर्शाता है कि या तो चयन समिति को तथ्यों की जानकारी नहीं दी गई या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया गया।
Amravati News: गंभीर सवाल, गिरी विभाग की साख
इस घटना ने न केवल वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पदक चयन की विश्वसनीयता और ईमानदारी को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह प्रशासन की साख को गंभीर आघात पहुंचा सकता है।
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