मनेंद्रगढ़। अजब चुनाव के गजब किस्से : सियासत में हमेशा संभावनाएं रहती हैं । सरगुजा संभाग के मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका से एक चौंकाने वाली खबर आ रही है। जहां रामचरित द्विवेदी नाम के प्रत्याशी जो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं । उन्होंने अपना पर्चा उर्दू में छपवाया है । इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर काफी तेजी से हो रही है ।
अजब चुनाव के गजब किस्से : क्या है पूरा मामला
सरगुजा संभाग के मनेंद्रगढ़ नगर पालिका के वार्ड नंबर 12 से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रामचरित द्विवेदी ने चुनाव प्रचार में एक अनूठी पहल की है। द्विवेदी ने अपने चुनाव प्रचार पर्चे को उर्दू भाषा में छपवाया है, जो अब सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
इस वार्ड में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 45 प्रतिशत से ज्यादा है, जिसे देखते हुए भाजपा प्रत्याशी ने यह रणनीतिक कदम उठाया है। रामचरित द्विवेदी पर्चे में आम जनता से भारतीय जनता पार्टी को वोट देने की अपील की गई है। द्विवेदी ने अपने चुनाव प्रचार पर्चे को उर्दू भाषा में छपवाया है, जो अब सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
मौलाना आजाद वार्ड में कठिन हालात
बीजेपी के लोग भी दबी जुबां से स्वीकार करते हैं कि उन्हें मुस्लिमों के वोट नहीं मिलते। मगर मामला जब जीत-हार से जुड़ा हो, तो सियासत अपना रंग दिखा ही देता है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी के एक प्रत्याशी ने उर्दू में पंपलेट छपवाया है।
असल में, मौलाना आजाद वार्ड में 45 परसेंट से अधिक मुस्लिम वोटर है। सो, प्रत्याशी धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए वीडियो में दो टूक कह रहे हैं कि हमारे लिए हिन्दू-मुस्लिम सभी बराबर हैं।
मौलाना आजाद वार्ड में पहले तीन-चार मुस्लिम चुनाव लड़ते थे। इसलिए उनका वोट बंट जाता था। मगर इस बार मुस्लिम समाज ने एक राय होकर अफाक अहमद को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है। अफाक पहले कांग्रेस से पार्षद रह चुके हैं। सो, उनका अपना प्रभाव है।
कांग्रेस प्रत्याशी गिरधर जायसवाल भी एल्डरमैन रह चुके हैं। बीजेपी के रामचरित जरूर तीन बार चुनाव लड़े हैं और तीनों बार हारे हैं। एक बार बीजेपी से और दो बार निर्दलीय। इस बार रामचरित जीत के लिए सारे नुख्सों का इस्तेमाल कर लिए हैं। उर्दू का पंपलेट इसी रणनीति का एक हिस्सा है।
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