Check Webstories
रायपुर। प्रशासन का भय या भूल सुधार : पंजीयन और मुद्रांक संघ की काम बंद हड़ताल के बाढ़ अचानक सक्ती जिला प्रशासन ने निलंबित उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को बहाल कर दिया है। आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री करने के आरोप में 13 दिसंबर को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए पंजीयन और मुद्रांक संघ ने आज से काम बंद करने की चेतावनी दी थी। इस बीच बिलासपुर संभाग आयुक्त महादेव कावरे ने उप पंजीयक खेमुका का निलंबन तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है।अब लोग जानना चाहते हैं कि ये प्रशासन का भय या भूल सुधार है ?
प्रशासन का भय या भूल सुधार : क्या है इस मामले का समीकरण
दरअसल ये पूरा मामला कंचनपुर तहसील सक्ती में आदिवासी जानकी बाई की जमीन गैर आदिवासी मुस्कान बंसल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई थी। इस मामले में उप पंजीयक को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें 13 दिसंबर को निलंबत कर दिया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई का पंजीयक और मुद्रांक संघ ने विरोध किया। पड़ताल में खुलासा हुआ कि इस मामले में जमीन गैर आदिवासी को बेचने के लिए कलेक्टर से अनुमति के लिए विधिवत आवेदन किया गया था। कलेक्टर ने जमीन का रकबा कम होने सहित अन्य कारणों का हवाला देते हुए अपने आदेश में लिखा कि इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
कलेक्टर के इस आदेश के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई, लेकिन आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचे जाने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद आनन- फानन में उप पंजीयक को निलंबित कर दिया गया था।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.