हैंडसेट निर्माता कंपनियां ग्राहकों के लिए एआई फीचर्स से लैस नए स्मार्टफोन्स लॉन्च कर रही हैं, लेकिन क्या वाकई ये फीचर्स आपकी जिंदगी को आसान बनाते हैं? यह सवाल आजकल स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कंपनियां अपने स्मार्टफोन्स में एआई के विभिन्न फीचर्स का प्रचार करती हैं, ताकि फोन ट्रेंड में बने रहें, लेकिन क्या यह वाकई उपयोगी हैं?
उदाहरण के तौर पर, गूगल पिक्सल 9 प्रो में यूजर्स की सहूलियत के लिए Gemini Assistant फीचर मिलता है, जो लॉन्च के बाद से लगातार सुधर रहा है, लेकिन फिर भी इसे एक ट्रू एआई असिस्टेंट नहीं कहा जा सकता। हालांकि, एआई फीचर्स बेकार नहीं होते, कुछ ऐसे फीचर्स हैं जो काम के हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप ईमेल लिखवाने के साथ-साथ कैमरे से खींची गई तस्वीरों में से बेकार चीजों को एआई इमेज इरेज़र की मदद से हटा सकते हैं। इसके अलावा, एआई की मदद से कई अन्य काम भी किए जा सकते हैं।
कंपनियां दावा करती हैं कि वे एआई की मदद से फोटो से बेकार की चीजें हटा सकती हैं, लेकिन कभी-कभी रिजल्ट भी उतने अच्छे नहीं होते, जितने की उम्मीद होती है। एआई के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं, और कुछ फीचर्स ऐसे होते हैं जिनसे निपटने में आपको सिर पकड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
सैमसंग और ऐपल का एआई फीचर
सैमसंग अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स में एआई का उपयोग करता है, जिसमें आप फोटो में सर्कल बनाकर गूगल पर जानकारी खोज सकते हैं। एआई की मदद से फोन में कुछ पौधों की सही पहचान भी की जा सकती है। वहीं, ऐपल ने अपने लेटेस्ट आईफोन 16 में Apple Intelligence फीचर को शामिल किया है, लेकिन इसके ब्लॉकबस्टर फीचर्स 2025 के बाद ही मिलने की उम्मीद है। फिलहाल, Apple Intelligence नोटिफिकेशन और ईमेल को समराइज करता है और लेखन की शैली को बदलने के लिए टूल्स उपलब्ध कराता है।
कुल मिलाकर, स्मार्टफोन में दिए जा रहे एआई फीचर्स उपयोगकर्ताओं को सुविधाएं प्रदान करते हैं, लेकिन उनके परिणाम हमेशा उम्मीद के मुताबिक नहीं होते। एआई के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, और इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना ही सबसे अहम है।
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