बेसिक शिक्षा विभाग का एक नया मामला सामने आया है, जहां अधिकारियों ने एक अनपढ़ रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर 51 लाख 63 हजार 53 रुपये की नोटिस भेज दी। यह मामला तब सामने आया जब रिक्शा चालक मनोहर लाल यादव, जो श्रावस्ती जिले के गोड़पुरवा गांव का निवासी है, को रजिस्टर्ड डाक के जरिए यह नोटिस मिली।
मनोहर यादव, जो दिल्ली में रिक्शा चलाता है और पढ़-लिख नहीं सकता, जब नोटिस को किसी अन्य से पढ़वाया तो उसे जानकर धक्का लगा। नोटिस में कहा गया कि वह अंबेडकर नगर के अकबरपुर तहसील के एक गांव से संबंधित फर्जी शिक्षक है और उसे 51 लाख रुपये वेतन के रूप में प्राप्त हुए हैं।
यह नोटिस मनोहर यादव को उस विद्यालय से भेजी गई थी, जहां नामित शिक्षक पहले नियुक्त थे, लेकिन जब उसने यह नोटिस गांव में सुनाई तो वहां हड़कंप मच गया। मनोहर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है और नोटिस मिलने के बाद से उसकी हालत खराब हो गई है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह नोटिस अब निरस्त कर दी गई है, लेकिन इस लापरवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं। जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी करने वाले अध्यापकों के खिलाफ जांच चल रही है, और यह घटना उसी सिलसिले में सामने आई है।
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