पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर हुई जानलेवा हमले की घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि अकाल तख्त के बाहर जो घटना हुई वो निंदनीय घटना थी. मैं बहुत दिन से इस बारे में बोल नहीं रहा था, लेकिन आज मैं बताता हूं कि सुखबीर बादल पर हमला क्यों हुआ? दरअसल, ये हमला इसलिए हुआ क्योंकि गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी हुई थी. उन्होंने अपनी गलती मानी थी. नारायण सिंह चौड़ा ने निजी फायदे के लिए हमला नहीं किया. उन्होंने इमोशन में आकर हमला किया. उन्हें दिखा कि सुखबीर सिंह बादल ने गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी की थी, इसलिए गोली चलाई. वो गोली सुखबीर बादल को लगी भी नहीं.
रवनीत बिट्टू का यह बयान अकाली दल की राजनीति और सुरक्षा को लेकर सवाल उठाता है। उन्होंने इस हमले को अकाली दल के खिलाफ एक षड्यंत्र के रूप में देखा और कहा कि पार्टी को अब अपने दोषी नेता को सम्मान देना चाहिए। उनका कहना था कि यदि हमला राजनीतिक था तो यह अकाली दल के खिलाफ षड्यंत्र हो सकता है। यह बयान राजनैतिक रूप से संवेदनशील है, खासकर तब जब पंजाब में राजनीति और अपराध के बीच की लकीर काफी धुंधली हो चुकी है। बिट्टू के इस बयान के बाद, राजनीतिक हलकों में गर्मागर्मी बढ़ गई है, और अकाली दल इस पर प्रतिक्रिया देने में जुटा है। यह घटना एक नए विवाद को जन्म देती है, जिसमें पंजाब की राजनीति और पार्टी संघर्षों की एक नई दिशा सामने आ रही है।Subscribe to get the latest posts sent to your email.