
भूपेश सरकार की फिर होगी नौ-तेरह बोतल से बाहर आया बुलेट प्रूफ जैकेट घोटाले का जिन्न...
रायपुर: भूपेश सरकार की फिर होगी नौ-तेरह: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार में बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीदारी में हुई गड़बड़ी का मामला फिर से उभर कर आया है। 13 करोड़ रुपये में बुलेट प्रूफ जैकेट्स की खरीदारी में कथित अनियमितताओं पर आरोप लगाते हुए रायपुर के नरेश गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जांच की मांग करते हुए पत्र लिखा है। यह मामला पहले भी मार्च 2024 में प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा को संबोधित पत्रों में उठाया जा चुका है।
भूपेश सरकार की फिर होगी नौ-तेरह : मामले का पूरा विवरण
यह घोटाला 2020 में उत्पन्न हुआ, जब पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीदारी हेतु टेंडर जारी किया था। इस टेंडर प्रक्रिया में तीन कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन कुछ नियमों के कारण एमडी अनिल टुटेजा की पसंदीदा कंपनी इस टेंडर से बाहर हो गई। इसके बाद, टुटेजा ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कराया और नियमों में बदलाव करके अपनी पसंदीदा फर्म को यह जिम्मेदारी सौंप दी।
पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस खरीदी के दौरान घटिया गुणवत्ता की बुलेट प्रूफ जैकेट्स खरीदी गईं, जो पास हुए सैंपल्स से मेल नहीं खाती थीं। इसके पश्चात्, गृह विभाग ने इस मामले में गड़बड़ी की संभावना जताते हुए फाइल को दो बार पुलिस मुख्यालय वापस भेजा, लेकिन टुटेजा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हस्ताक्षर करा लिए।
जांच की मांग और कार्रवाई में कमी की आलोचना
इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। रायपुर के नरेश गुप्ता ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से जांच की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया है कि भूपेश सरकार के दौरान चंदे के पैसों का दुरुपयोग करते हुए जवानों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है।
हालांकि, गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा था कि अगर ठोस प्रमाण मिलते हैं तो मामले की जांच की जाएगी। लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। साथ ही, यह भी बताया गया है कि उस समय के डीजीपी अशोक जुनेजा को रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन दिया गया था।
नया मोड़: शराब घोटाले में फंसे अनिल टुटेजा
इस घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक, अनिल टुटेजा, वर्तमान में शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी और जेल में सजा के बावजूद, बुलेट प्रूफ जैकेट घोटाले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है।
आगे की दिशा
अब देखा जाना बाकी है कि भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने के बाद इस मामले में कोई जांच शुरू होती है या यह मामला और समय तक लंबित रहता है। राज्य के प्रशासन और गृह विभाग की संवेदनशीलता पर इस मामले ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग बढ़ी है।
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