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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 104 किलोमीटर दूर बलौदाबाजार वन-मंडल के अंतर्गत वाइल्डलाइफ सेंचुरी बारनवापारा अभ्यारण्य किसी परिचय का मोहताज नहीं…लेकिन बार नवापारा अभ्यारण में इन दिनों जिप्सी संचालक हड़ताल पर है जिससे सफारी घूमने वाले पर्यटकों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है…
यह प्रदर्शन प्रशासन के एक फैसले के खिलाफ है… प्रशासन के मनमानी रवैया और उनके द्वारा निकाले गए आदेश को लेकर लोग हड़ताल पर है… आपको बता दें कि यह अभ्यारण अपने में प्राकृतिक छटा को संजोए हुए अनेक जीव-जंतुओं से भरा-पूरा जंगल है।
बाघ के आने से यहाँ पर्यटको आवागमन जायदा हो गया है परन्तु इसके विपरीत पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर यहाँ किसी तरहा का कोई काम-काज होता नजर नहीं आ रहा है।
वन-भ्रमण करने आने वाले पर्यटको के लिए वन विभाग की तरफ से वन-भ्रमण के लिए वर्तमान में गॉव वालो के पास लगभग 30 जीप्सी व शासन की 2 जिपासी 2 207 Di जेनों है
जिससे पर्यटको को जंगल भ्रमण कराया जाता रहा है छुट्टी के दिनों व शनिवार सन्डे को अत्यधिक पर्यटक आते है लगभग 34 गाड़ी वन-भ्रमण के होने के बाद भी लोगों को इंतजार करना पड़ता है
आने वाले पर्यटको को बार से वन-भ्रमण की गाड़ी व गाइड मोहईया कराया जाता रहा है वर्तमान इन नियमों को संशोधन करते हुए सभी पर्यटकों को तेंदुआही गेट (रवान) के पास रोका जा रहा है
जहां से वन भ्रमण के लिए गाड़ियां मोहईया कराई जानी है जिसका विरोध समस्त जिप्सी संचालको द्वारा किया जा रहा है जिप्सी संचालको को द्वारा हड़ताल की घोषणा कर दी गई है जिसके कारण आने वाले पर्यटकों को बहुत ही सुविधा का सामना करना पड़ रहा है वन विभाग के पास वर्तमान में आने वाले पर्यटकों को घूमाने के लिए दो जिप्सी व दो जेनों (207DI) गाड़ी मात्र है
एसे में एक बड़ा सवाल उठता है की इन चार गाड़ियों के भरोसे वन विभाग पर्यटकों को कैसे घुमायेगा बार क्षेत्र से लगे हुए गांव पर्यटकों के भरोसे ही अपना जीवन यापन कर रहे थे इस संशोधन से गॉव वालों को जीवननिर्वाह करना मुश्किल हो जायगा।
जिप्सी संघ के पदाधिकारी ने बताया कि यह आदेश अधिकारी मौखिक रूप से देते हैं जिससे हमें काफी परेशानी हो रही है उनके आदेश के अनुसार हम लोगों को 12 से 14 किलोमीटर अधिक गाड़ी चलानी पड़ती है और पर्यटकों को भी कुछ देखने को नहीं मिलता है हमारी मांग है कि जिस तरीके से हम लोग पहले बार नवापारा से ही जिप्सी चलाते थे
वहीं से शासन जिप्सी चलाने का आदेश दे नहीं तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन रहेगी वही यहां घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि हम लोग दो से तीन दिनों से आकर यहां ठहरे हैं लेकिन हमें सफारी घूमने नहीं दिया जा है क्योंकि यहां जिप्सी संघ हड़ताल पर हैं और फॉरेस्ट विभाग किसी तरह से सुविधा मुहैया नहीं करवा पा रही है।
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