
नई दिल्ली। सेबी में वर्क कल्चर अच्छा नहीं है। ये बात हम नहीं सेबी के अफसरों ने कही है। उन्होंने बाकायदा सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की मंत्रालय से शिकायत भी की है।
बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच आपसी हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रही हैं। असल में यह मामला अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से अदाणी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों से जुड़ा हुआ है। अब वह एक अन्य आरोप का सामना कर रही हैं और इस बार सेबी के कर्मचारियों ने उनके खिलाफ मंत्रालय से शिकायत की है।
सेबी में वर्क कल्चर अच्छा नहीं :
असल में बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) में वर्क कल्चर अच्छा नहीं है। यह गंभीर आरोप सेबी के अफसरों ने लगाया है।
बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (SEBI) में काम करने का माहौल अच्छा नहीं है। अभी हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सेबी के अफसरों ने इसकी कंप्लेंट वित्त मंत्रालय को एक लेटर के माध्यम से की है । सेबी अफ़रारों की शिकायत है कि वहां बैठकों में चिल्लाना, डांटना और सार्वजनिक तौर पर अपमान करना कोई बड़ी बात नहीं है। इस पर सेबी का कहना है कि कर्मचारियों की किसी परेशानी का समाधान एक निरंतर चलती रहने वाली प्रक्रिया है यानि कर्मचारियों को किसी बात की समस्या होती है तो सेबी उसका समाधान तलाशने की कोशिश करती है। हालांकि एशियन न्यूज़ भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
सेबी में वर्क कल्चर का क्या है पूरा मामला ?
‘सेबी अधिकारियों की शिकायतें- सम्मान का आह्वान’ में सेबी के अफसरों का कहना है कि कर्मचारियों के प्रति सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की भाषा बेहद खराब है। उनका कहना तो यहां तक है कि माधबी हर मिनट की गतिविधियों पर भी कठोर निगरानी रखती हैं और उन्होंने ऐसे-ऐसे लक्ष्य दे रखे हैं जो असंभव हैं और साथ ही इसमें चेंजेज भी होते रहते हैं। कर्मचारियों की मानसिक सेहत पर इसका बुरा असर पड़ा है और कार्य संतुलन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सेबी में करीब 1 हजार ग्रेड ए और इसके ऊपर के यानी सहायक प्रबंधक और इससे ऊपर के अफसर हैं। इनमें से आधे ने वित्त मंत्रालय को भेजे गए पत्र में दस्तख़त भी किया है। अफसरों का कहना है कि उन्होंने वित्त मंत्रालय को तब लेटर लिखा है, जब प्रबंधन ने उनकी बात नहीं सुनी।
क्या कहता है सेबी
सेबी के अफसरों ने ऐसे वक़्त में वित्त मंत्रालय के पास माधबी पुरी बुच की कंप्लेंट की है, जब चीफ ऑफ़ सेबी माधबी पुरी बुच हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रही हैं। ये पूरा आरोप अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ अदाणी ग्रुप पर लगाए गए हैं । अब इसे लेकर सियासी सरगर्मीं भी बढ़ चुकी है और कांग्रेस ने सेबी के अध्यक्ष को आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से दिए गए मुआवजे पर भी सवाल उठाया था। अब वह दूसरे आरोप का सामना कर रही हैं और इस बार सेबी के कर्मचारियों ने उनके खिलाफ मंत्रालय से कंप्लेंट की है। सेबी के जिम्मेदारों का कहना है कि सभी बदलाव किए जा चुके हैं। ऑफिस के माहौल को देखते हुए रिव्यू मीटिंग्स के फॉर्मैट में बदलाव कर दिया गया है और ऐसे में मीटिंग से जुड़ा जो इश्यू था, वह सुलझ चुका है। सेबी ने कहा कि एंप्लॉयीज बॉडीज को इसकी जानकारी 3 सितंबर को ही ईमेल के जरिए दे दी गई है।
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