West Bengal Train Accident Update
West Bengal Train Accident Update : बंगाल रेल हादसे पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सुप्रिया श्रीनेत का भाजपा पर तीखा प्रहार, भारत के रेल मंत्री को बताया रील मंत्री पश्चिम बंगाल में हुए भीषण रेल हादसे के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री सुप्रिया ने एक प्रेस वार्ता करते हुए मोदी सरकार में भारतीय रेलवे की दशा को साझा करते हुए
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West Bengal Train Accident Update : एक वीडियो मीडिया के सामने रखा जिसमे रेल मंत्री ट्रेन एक्सीडेंट से बचने की योजना को बताते हुए नजर आ रहे थी, इसी पर सुप्रिया ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा…
हम सभी लोग रेलवे से जुड़े हैं, सबने रेल से आवागमन जरूर किया है, रेल इस देश के एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ता है, रेल हिंदुस्तान की जीवनरेखा है और आवागमन का सबसे सस्ता सोर्स हुआ करता था
और गरीब या मध्यम वर्गीय यात्री रेल को प्रेफर करता है, पहले लोगों को यह विश्वास रहता था की रेल में बैठ ते हुए हम अपने गंतव्य तक पहुंच जाते हैं मगर आज यात्री चिंता में रहता है की वह खुद गंतव्य तक पहुंचेगा या उसकी लाश और अर्थी ये कीर्तिमान मोदी सरकार में हासिल हुआ…
पश्चिम बंगाल में कल फिर एक हादसा हुआ, पटरी पर कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से माल गाड़ी ने मारा, ठीक एक साल पहले बालासोर ओडिशा में भी हादसा हुआ था, इन एक साल में क्या बदला है?
West Bengal Train Accident Update
10,117 ट्रेन घटनाएं 2023 तक हुई हैं, यह हमारे आंकड़े नही भारत सरकार के आंकड़े हैं, हर महीने 11 ट्रेन हादसे हुए हैं, हर 3 दिन में ट्रेन हादसा हो रहा है तो क्या बदला है एक साल में? हमने परिवारों को उजड़ते देखा, है 2014 से 2024 में क्या बदला?
कुछ हादसों के आंकड़े बताते हुए सुप्रिया ने सवाल किया की इन हादसे की जिम्मेदारी किसकी है? हमने इस देश में देखा है की ट्रेन हादसों पर नैतिकता के तौर पर रेल मंत्रियों ने स्थिफा दिया है मगर आज हिंदुस्तान का रेल मंत्री रील मंत्री बना हुआ है,
एक साल से रेल को सुरक्षित करने के लिए आखिर आपने क्या काम किया? कुछ दिनों पहले यह कवच प्रणाली को समझा रहे थे मगर कल क्या हुआ कवच का? 10 साल से रेल आवागमन का सबसे असुरक्षित साधन बन चुका है, क्या एकदम से रेल फेल हो गई? यह इस लिए हो
रहा है की मोदी सरकार और उनके मंत्री को फर्क नही पड़ता है, 3 लाख 12 हजार रेलवे के पद रिक्त पड़े हैं, कर्मचारियों की कमी से रेलवे जूझ रहा है, लोकोपयाल्ट के 21% पद खाली हैं, ये वो पद है जो रेलवे को सुरक्षित और सुचारू रूप से चलने के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसके चलते लोकोपिलियट पर काफी दवाब आया हुआ है…
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पिछले वर्ष में 2 करोड़ 70 लाख यात्री टिकट बुक करने के बाद यात्रा नही कर पाए क्योंकि उनकी टिकाक कन्फर्म नही हुई और यह आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है, जोकि दर्शाता है को ट्रेंस की कितनी किल्लत है, 3 – 4 दिन पहले मंत्री जी ने कहा था कि जो लोग अनाध्रकित तरीके से
कोचेस में घुसते हैं उनपर पुलिस बल का प्रयोग करेंगे तो क्या ये लोग अपनी मर्जी से घुसते हैं? बल्कि ये मजबूर हैं इनपर बल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इनके लिए इंतजाम करना चाहिए अंत में सुप्रिया ने कहा की अगर मोदी सरकार के मंत्रियों में नैतिकता होती तो आज इन्हे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था
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