
loksabha election update:-
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ गए हैं और इन परिणामों में किसी भी पार्टी को प्रत्यक्ष बहुमत नहीं मिला है इसको लेकर देश की आम जनता संशय में है कि आखिर इस बार सरकार किसकी बनाने जा रही है ? वही परिणाम में जो आंकड़े आए हैं उन आंकड़ों में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए को 292 सीटों का बहुमत वाला आंकड़ा मिला हुआ है पर खास बात यह है की इन आंकड़ों में दो पार्टियाँ ऐसी है जो कभी एनडीए तो कभी इंडिया दोनों गठबंधन में जा सकती है क्योंकि इन दोनों पार्टियों ने ही कभी इंडिया गठबंधन की नींव रखी थी|आज वही लोकसभा चुनाव में इंडिया के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़े और एनडीए को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई|
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हम बात कर रहे हैं नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली जेडीयू और चंद्रबाबू के नेतृत्व वाली टीडीपी यह दोनों ही पार्टियों की अपने अपने राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश में सरकार है | बिहार में जहां नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं तो वही इस बार के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में टीडीपी -जनसेना और भाजपा के गठबंधन को 175 सीटों में 164 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत प्राप्त किया वही लोकसभा चुनाव में टीडीपी ने आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में 16 सीटों पर जीत दर्ज की, तो वहीं बिहार में एनडीए गठबंधन ने 40 सीटों में 24 सीटों पर जीत दर्ज की जिसमें 12 सीटे जेडीयू ने जीती इन सब परिणाम के बाद एक बात स्पष्ट नजर आ रही है इस बार एनडीए सरकार में भाजपा के बाद सहयोगियों में सबसे बड़ी दो पार्टी टीडीपी और जेडीयू ही होगी | जिनके बिना सरकार बनाना और सरकार चलाना दोनों ही मुश्किल होगी क्योंकि यह दोनों ही पार्टियों क्रमशः अपने-अपने राज्यों को “विशेष राज्य का दर्जा” देने की मांग शुरू से मोदी सरकार के सामने बार-बार रखते आ रही है अब चुकि मोदी सरकार 3.0 में इन दोनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी तो इन दोनों पार्टियों की मांगे भी कहीं ना कहीं पिछली बार की तुलना में अधिक होने की संभावना है |
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तो चलिए जानते हैं TDP और जेडीयू किन-किन बातों के लिए मोदी सरकार पर अपना दबाव बना सकती है
विशेष राज्य का दर्जा
2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग करते आ रहे हैं, अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में भी चंद्रबाबू आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और वह अपनी मांगों को लेकर बार-बार अटल सरकार में भी बगावती तेवर दिखाते रहे | वही नीतीश कुमार जिनकी जिनकी छवि पलटू बाज के रूप में काफी प्रसिद्ध है, उन्हें भी इंडिया गठबंधन की तरफ से उप प्रधानमंत्री का खुला ऑफर मिला है इसके बाद कहीं ना कहीं भाजपा पर इन दोनों की इस मांग को पूरी करने का दबाव बढ़ जाएगा |
जदयू की सेकुलर नीति
जैसे कि सभी को पता है नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली जेडीयू शुरू से खुद को सेकुलर होने का दावा करती आ रही है, परंतु कहीं ना कहीं राजद के साथ लालू प्रसाद यादव से आपसी संघर्ष के कारण मजबूरी में उन्हें भाजपा के साथ आना पड़ता है | पर इन नतीजे के बाद नीतीश कुमार बीजेपी पर अपना सेक्युलरिज्म थोपने का प्रयास करेंगे |
टीडीपी की एंटी अमित शाह नीति
अंदर खाने की खबरों के अनुसार टीडीपी अमित शाह की कार्यशैली से हमेशा खफा रहती है और कहीं ना कहीं 2014 के बाद टीडीपी जो एनडीए से बाहर हुई थी उसमें अमित शाह की कार्यशैली एक प्रमुख कारण माना जाता है पर अब इन रुझानों के बाद टीडीपी बीजेपी पर अमित शाह को सरकार से बाहर रखने का दबाव बनाएगी
भारतीय जनता पार्टी को अपने राज्यों में कमजोर करने का प्रयास
भारतीय जनता पार्टी कहीं ना कहीं दक्षिण में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है जिसका प्रभाव लोकसभा चुनाव में इस बार दिखा जहां आंध्र प्रदेश में भाजपा ने चार सीटों पर जीत दर्ज की है |पर चंद्रबाबू नायडू जानते हैं कि अगर भाजपा इसी तरह आगे बढ़ती रही तो भविष्य में यह उनकी पार्टी के लिए तकलीफ दे होगा अतः चंद्रबाबू नायडू केंद्र में समर्थन देकर राज्य में बीजेपी को कमजोर रखने का प्रयास करेंगे | इसके साथ ही बिहार में आए दोनों बीजेपीसरकार में साथ होते हुए भी धीरे-धीरे जदयू के जानाधार को अपने पाले में शिफ्ट करने का प्रयास कर रही है पर अब केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण होने के कारण बीजेपी जेडीयू के वोटो पर सेंधमारी करने से बचने का प्रयास करेंगे |
मलाईदार मंत्री पद को लेकर आपस में तकरार
प्राप्त सूत्रों के अनुसार जेडीयू ने बीजेपी पर कई महत्वपूर्ण मंत्रालय की मांग कर दी है इसके साथ ही जेडीयू ने टीडीपी के साथ लोकसभा स्पीकर के पद की भी मांग की है |आपको बता दे की सरकार के अंकगणित में संकट आने पर स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है जिस पर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दोनों अपना अपना नियंत्रण बनाये रखना चाहते है |
पर अब देखना ये होगा की ये दोनों बाबू नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार में क्या – क्या मांग करते है ??
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