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CG News: गरियाबंद : सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व में ढाई साल बाद एक बार फिर बाघ की स्पष्ट मौजूदगी दर्ज की गई है, जिससे वन विभाग और स्थानीय ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। रविवार रात अरसीकन्हार रेंज में लगे ट्रैप कैमरे में बाघ की तस्वीर कैद हुई, जिसमें वह एक बैल का शिकार करते हुए दिखाई दिया। इससे एक दिन पहले, शनिवार रात को भी बाघ की मौजूदगी कैमरे में रिकॉर्ड हुई थी।
CG News: बाघ की पहचान के लिए भेजे गए चित्र
टाइगर रिजर्व के डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि लगातार आठ दिनों की गहन निगरानी और कैमरा ट्रैपिंग के बाद बाघ की उपस्थिति की पुष्टि हो सकी है। अब बाघ की तस्वीरें वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून भेजी जा रही हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह बाघ किस राज्य या टाइगर रिजर्व से आया है। इससे पूर्व अक्टूबर 2022 में बाघ की अंतिम बार तस्वीर रिकॉर्ड हुई थी, और दिसंबर 2022 में उसका मल सैंपल मिला था।
CG News: वन विभाग के प्रयासों से लौटाई बाघ की दहाड़
1852 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टाइगर रिजर्व में पिछले डेढ़ वर्ष में वन विभाग ने वन्यजीवों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सराहनीय कार्य किया है। बफर जोन में 700 हेक्टेयर क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए करीब 250 अतिक्रमणकारियों को हटाया गया। इसके अलावा, ओडिशा के सीमावर्ती जिलों नुआपड़ा और नवरंगपुर में सक्रिय शिकारियों के खिलाफ विशेष एंटी-पोचिंग अभियान चलाए गए।
गर्मियों में वन्यजीवों को जल उपलब्ध कराने के लिए कोर जोन के आठ बड़े जलाशयों को सोलर पंप से भरा गया और बाघ कॉरिडोर में 1000 से अधिक झिरियों का निर्माण किया गया। इन प्रयासों से शिकार और पानी की उपलब्धता बढ़ी, जिससे बाघ जैसे बड़े शिकारी प्राणियों के लिए उपयुक्त माहौल तैयार हुआ।
CG News: गांवों में सतर्कता, निगरानी बढ़ाई गई
बाघ की पुष्टि के बाद वन विभाग ने आसपास के गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क किया है और जंगल में अकेले न जाने की सलाह दी गई है। ट्रैप कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है और गश्त को और सघन किया गया है। विभाग का मानना है कि बाघ की वापसी न केवल अभ्यारण्य की जैव विविधता के लिए शुभ संकेत है, बल्कि यह राज्य के वन संरक्षण प्रयासों की सफलता का प्रमाण भी है।
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