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New India Co-operative Bank Scam: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में नया खुलासा.....
मुंबई: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी और बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर हितेश मेहता, रियल एस्टेट डेवलपर धर्मेश पौन और पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोंन को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों आरोपियों को अदालत ने 28 फरवरी, 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस घोटाले का खुलासा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जांच के बाद हुआ, जिसके बाद बैंक पर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में सामने आया है कि हितेश मेहता ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बैंक के लॉकर से पैसे निकालने की साजिश रची। आरोप है कि मेहता अपने दो कर्मचारियों को फोन पर निर्देश देते थे कि वे बैंक के लॉकर से एक बार में 50 लाख रुपये निकालकर उनके भेजे गए लोगों को सौंप दें। बैंक के दो कर्मचारियों ने इस बात की पुष्टि की है और वे इस मामले में गवाह बन गए हैं। इन कर्मचारियों ने बताया कि मेहता के कहने पर कई बार अलग-अलग लोगों को 50 लाख रुपये नकद दिए गए।
आरबीआई जांच से खुली पोल
आरबीआई की नियमित जांच के दौरान यह घोटाला सामने आया। बैंक के खातों में 138 करोड़ रुपये नकद होने का दावा किया गया था, लेकिन जांच में पता चला कि प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं के लॉकर से 122 करोड़ रुपये गायब हैं। एक पूर्व कर्मचारी ने दो साल पहले आरबीआई को पत्र लिखकर बैंक की खराब स्थिति की शिकायत की थी, जिसके बाद यह जांच शुरू हुई। ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो साल की ऑडिट रिपोर्ट में फंड के दुरुपयोग की बात छिपाई गई थी। अब ऑडिट करने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म के पार्टनर अभिजीत देशमुख और बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोंन के बयान दर्ज किए गए हैं।
क्या है मामला?
हितेश मेहता पर आरोप है कि उन्होंने 2020 से 2025 के बीच यह गबन किया। जांच में पता चला कि धर्मेश पौन को मेहता से 70 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें मई और दिसंबर 2024 में 1.75 करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 50 लाख रुपये शामिल हैं। मेहता और पौन को रविवार को हिरासत में लिया गया था, जबकि अभिमन्यु भोंन को बाद में गिरफ्तार किया गया। ईओडब्ल्यू अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बाकी रकम कहां गई और इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
बैंक पर प्रतिबंध, ग्राहकों में हड़कंप
आरबीआई ने घोटाले के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। बैंक न तो नए लोन दे सकता है और न ही जमा स्वीकार कर सकता है। ग्राहक अपने पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं, जिससे मुंबई, सूरत और पुणे में इसकी शाखाओं के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई है।
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और ऑडिटरों समेत अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है। पुलिस को शक है कि इस घोटाले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
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