ग्वालियर : Gwalior News : MP में पन्ना के बाद अब ग्वालियर अंचल की जमीन भी हीरा उगलने वाली है। जियोलॉजी विभाग के सर्वे में ग्वालियर-शिवपुरी जिले के 421 वर्ग किलोमीटर एरिया में हीरा मिलने की संभवना हैं। ग्वालियर और शिवपुरी जिले के इन गांवों में पन्ना जैसे पहाड़ और मिट्टी मिली है।
Gwalior News : अभी ग्वालियर में सफेद और लाल पत्थर का खनन हो रहा है। वहीं आयरन की भी खदान आवंटित है। लेकिन अब ग्वालियर शिवपुरी जिले के 421 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में डायमंड ब्लॉक देने की तैयारी है।
इसे नरवर डायमंड ब्लॉक का नाम दिया गया है। इसके लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआइ) ने राजस्व, वन और आरक्षित वन भूमि की जानकारी मांगी है।
पूरी जानकारी तैयार होने के बाद हीरे के खनन के लिए खदान आवंटित की जाएगी। दरअसल, पन्ना में हीरा पाया जाता है। यह विंध्य ग्रुप का हिस्सा है। ग्वालियर भी विंध्य ग्रुप के तहत आता है।
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मिट्टी और पहाड़ों की एक जैसी स्थिति को देखते हुए जीएसआइ ने सर्वे किया था। इसमें ग्वालियर और शिवपुरी में हीरा मिलने की संभावना नजर आई है। हीरा मिलने पर ग्वालियर की पहचान भी पन्ना की तरह होगी।
ग्वालियर के जिला खनिज अधिकारी प्रदीप भूरिया ने बताया कि हीरा खनन के लिए ब्लॉक दिया जाना है। इसके लिए राजस्व, वन और संरक्षित वन की भूमि की जानकारी मांगी गई है। जनाकरी मिलने के बाद भूमि रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
घाटीगांव क्षेत्र के अधिकतर गांव में 100 फीसदी क्षेत्र में खनन का ब्लॉक दिया जाएगा। यहां करई, दुर्गसी, बन्हेरी, सेकरा, चुही, बराहना, पटपरी, उम्मेदगढ़, ओबरा, पाटई, मानपुरा, कलवाह, सेमरी, चनगोरा, डागोर, तघई, बडक़ागांव, मोहना, आदि गांव में खनन किया जाएगा।
भितरवार ब्लॉक के भितरी, गधोटा, मावथा, हरसी, खोर, मुसाहरी, सेबई, जतरथी, रिछारी खुर्द, जखवार, बेलगड़ा, डोंगरपुर, मुधारी, रुअर, तालपुर वीरन, बमोर, रिछारी कला, हुरहुरी, रिठोदन, गाजना, श्याऊ, चिटोली, देवरी कला, कैथोड, धोबट, लोढी, करहिया, बैना में कुछ फीसदी ब्लॉक दिया जाएगा।
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