प्रयागराज : Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को प्रयागराज के किला घाट पहुंचे।
Mahakumbh 2025 : इस दौरान दोनों महान विभूतियां मां गंगा की अविरल धारा में स्नान करेंगी। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजामों के बीच सीएम योगी और भूटान नरेश जेटी से वीआईपी घाट की ओर रवाना हुए।
मुख्य बिंदु:
स्थान: प्रयागराज, किला घाट
विशिष्ट आगंतुक: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भूटान नरेश
कार्यक्रम: गंगा स्नान, गंगा पूजन एवं आरती
यात्रा मार्ग: जेटी से वीआईपी घाट की ओर प्रस्थान
सुरक्षा व्यवस्था: एनएसजी, पुलिस और विशेष सुरक्षा दल तैनात
भूटान नरेश का भारत दौरा और प्रयागराज यात्रा का महत्व
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का यह भारत दौरा भारत-भूटान के प्रगाढ़ संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रयागराज आकर गंगा स्नान करने का उनका निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
भूटान नरेश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह यात्रा भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं की पवित्रता को दर्शाती है। गंगा को भारत में मोक्षदायिनी नदी माना जाता है, और इस यात्रा के दौरान दोनों महान व्यक्तित्व गंगा पूजन और आरती भी करेंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस महत्वपूर्ण दौरे को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड), यूपी पुलिस, एसपीजी और विशेष सुरक्षा दल को तैनात किया गया है। घाटों और आसपास के क्षेत्रों में सख्त निगरानी रखी जा रही है।
रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और होटल सहित प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बल मुस्तैद हैं। स्नान कार्यक्रम के दौरान घाटों पर विशेष बैरिकेडिंग की गई है, और प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है।
गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भूटान नरेश मां गंगा की पवित्र धारा में स्नान करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा स्नान से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होने के कारण यह स्थान तीर्थराज कहलाता है और यहां स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व है।
स्नान के बाद दोनों गंगा पूजन और आरती में शामिल होंगे। इसके अलावा, प्रयागराज के संत-महंतों से भी मुख्यमंत्री और भूटान नरेश की मुलाकात होने की संभावना है।
भूटान नरेश का दौरा क्यों खास?
भूटान और भारत के संबंध आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक रूप से गहरे जुड़े हुए हैं। भारत, भूटान का सबसे बड़ा रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हो सकती है।
इसके अलावा, भूटान नरेश का गंगा स्नान करना यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रभाव पूरे विश्व में फैला हुआ है।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में उत्साह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भूटान नरेश की इस यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में भक्तगण गंगा स्नान के लिए घाटों पर एकत्र हुए हैं। प्रशासन की ओर से भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
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