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जांजगीर : छत्तीसगढ़ के प्राचीन और सबसे बड़े मेलों में से एक, शिवरीनारायण मेला 12 फरवरी 2025 से शुरू होने जा रहा है। 15 दिनों तक चलने वाले इस विशाल मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। झूले, दुकानें और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हर साल इस मेले का श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करते हैं और बड़ी संख्या में इसमें भाग लेते हैं।
शिवरीनारायण को पुरी के भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघी पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ एक दिन के लिए शिवरीनारायण में विराजते हैं। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु महानदी के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान के लिए पहुंचते हैं। महानदी को गंगा के समान पवित्र माना जाता है, इसलिए यहां स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
15 दिनों तक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन
महानदी के त्रिवेणी संगम में भक्तों का पवित्र स्नान
संत-महात्माओं का प्रवचन और आध्यात्मिक सत्संग
दुकानों, झूलों और प्रदर्शनी का भव्य आयोजन
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
शिवरीनारायण मेले की भव्यता और पौराणिक महत्व को देखते हुए श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है। पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बन चुका है, और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है।
सुखराम दास (मुख्तियार, मठ मंदिर शिवरीनारायण) के अनुसार:
“हर साल यह मेला लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। भगवान जगन्नाथ की विशेष कृपा इस मेले में अनुभव की जाती है।”
शिवरीनारायण मेला धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपरा का संगम है। हर साल यह मेला श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव लेकर आता है। 12 फरवरी से 15 दिनों तक चलने वाले इस मेले में शामिल होकर भक्तजन पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
क्या आप इस मेले में शामिल होंगे?
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