Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 में अमृत स्नान के लिए कुल तीन तिथियाँ निर्धारित की गई हैं: मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, और बसंत पंचमी। इन तिथियों को अमृत स्नान के लिए शुभ माना गया है, लेकिन माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि पर अमृत स्नान का आयोजन नहीं किया जाएगा।
माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि पर क्यों नहीं होगा अमृत स्नान?
हालांकि, माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि के दिन पवित्र स्नान किया जाता है, लेकिन इन्हें अमृत स्नान का दर्जा नहीं मिलता है। इसका कारण है ग्रह नक्षत्रों की स्थिति।
- मकर राशि में सूर्य और वृषभ राशि में गुरु के होने पर ही अमृत स्नान का आयोजन होता है।
- माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि के दिन सूर्य तो कुंभ राशि में होंगे और गुरु वृषभ राशि में रहेंगे, इस कारण इन तिथियों पर अमृत स्नान का शुभ योग नहीं बनता।
Mahakumbh 2025
नागा साधुओं का स्नान और उनका महत्व
मुगलकाल से नागा साधुओं को विशेष सम्मान दिया जाता रहा है और शाही स्नान का दर्जा उनके लिए था। आदि शंकराचार्य ने धर्म के रक्षकों के रूप में नागा साधुओं की टोली बनाई और उन्हें सबसे पहले स्नान करने का सम्मान दिया। इसके बाद, नागा साधु बसंत पंचमी के अमृत स्नान के बाद अपने-अपने धाम लौटने लगेंगे।
महाकुंभ 2025 : एक दृष्टि
महाकुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ था और 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। इस बीच, अमृत स्नान का दर्जा केवल तीन तिथियों मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, और बसंत पंचमी को ही मिला है। अन्य तिथियाँ, जैसे माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि, पवित्र स्नान के दिन होते हुए भी अमृत स्नान के लिए उपयुक्त नहीं मानी जातीं।
इस जानकारी से श्रद्धालु अब सही दिन और समय पर अमृत स्नान के लिए भ्रमित नहीं होंगे।
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