नई दिल्ली। महाकुम्भ के किस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज : सुप्रीम कोर्ट में आज यानि सोमवार को महाकुम्भ के एक मामले की सुनवाई होने वाली है। सुनवाई दोपहर बाद कभी भी हो सकती है।
मामले की सुनवाई सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच करेगी। याचिका में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
महाकुम्भ के किस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज : किसने दायर की ये याचिका
महाकुंभ भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने ये जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें सभी राज्यों की ओर से मेले में सुविधा केंद्र खोलने की भी बात भी कही गई है, जिससे गैर हिंदी भाषी लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग
दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार (29 जनवरी, 2025) को भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के अलावा सभी राज्यों के Facilitation Centre, मेडिकल स्टाफ, इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग समेत तमाम व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने की मांग की है।
गैर हिंदी भाषी राज्यों के Facilitation Centre खोलने की मांग
विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 29 जनवरी को हुई घटना में करीब 30 लोगों की मौत हो गई। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में उन्होंने कहा था कि यह किसी एक राज्य का इवेंट नहीं है, सारे राज्यों से लोग प्रयागराज जा रहे हैं, तो इस इवेंट को लेकर सभी राज्यों की सामूहिक जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। देश के सभी प्रदेश प्रयागराज में अपने Facilitation Centre खोलें, जिससे उन सेंटर्स पर समस्त राज्यों से आ रहे लोगों को आसानी से सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
महाकुम्भ
अहिंदी भाषी लोगों को हो रही समस्या
इस याचिका में मांग की गई थी, कि “सारे शहर में डिस्प्ले एंड अनाउंस बोर्ड हिंदी में लगाए गए हैं, जबकि देश के हर राज्य से पुण्यार्थी यहां आ रहे हैं। उनमें से ज्यादातर लोग हिंदी को ठीक तरह से नहीं समझ पाते हैं। ऐसे में कोई भी आपातकालीन अनाउंसमेंट को समझने में उन लोगों कोपरेशानी होगी। इसके लिए अन्य भाषाओं में इसका भी समाधान किया जाए, जिससे कि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो। इसी के साथ सरकार लोगों को इलेक्ट्रॉनिक मैसेज भी भेजें , जिससे लोगों को पहले से ही चीजों के बारे में पता रहे। ”
सभी प्रदेशों के मेडिकल स्टाफ हों मौजूद
इस याचिका में मांग की है कि सभी राज्यों के मेडिकल स्टाफ, जैसे नर्सें, डॉक्टर और तमाम दूसरे तकनीकी जानकारों की तैनाती भी वहां करनी चाहिए क्योंकि अकेले एक राज्य इतने ज्यादा लोगों के लिए मेडिकल स्टाफ नहीं मुहैया करा सकता है। वहां अन्य राज्यों का भी मेडिकल स्टाफ होना चाहिए। वहीं वीआईपी मूवमेंट में आम लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आए इसको लेकर मांग की गई है। बुधवार को हुई भगदड़ के बारे में ऐसा कहा जा रहा है कि वीआईपी मूवमेंट के बाद ही भगदड़ शुरू हुई थी।
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