Shukrawar Ke Upay : हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन, वैभव और समृद्धि की देवी माना गया है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर इस बार वृद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है।
इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और वैभव लक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
वैभव लक्ष्मी व्रत का महत्व
24 जनवरी 2025, शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी व्रत है। यह व्रत मां लक्ष्मी के कृपा प्राप्ति का श्रेष्ठ माध्यम है। इस दिन व्रत करने वाले भक्त को विधिपूर्वक स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से धन की कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
मां लक्ष्मी की पूजा विधि
- स्नान और ध्यान: सुबह स्नान के बाद स्वच्छ स्थान पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- घी का दीपक जलाएं: पूजा स्थल पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- पुष्प और प्रसाद चढ़ाएं: मां लक्ष्मी को कमल का फूल और मिठाई चढ़ाएं।
- मंत्र जप करें: पूजन के समय मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप करना चाहिए।
- महालक्ष्मी आरती: पूजा के अंत में महालक्ष्मी आरती का पाठ करें।
ज्योतिषीय दृष्टि से पूजा का महत्व
सनातन शास्त्रों के अनुसार, मां लक्ष्मी का स्वभाव चंचल है। वह किसी एक स्थान पर स्थायी रूप से नहीं रहतीं। इसलिए ज्योतिषी नियमित रूप से मां लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह देते हैं। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना जाता है।
वैभव लक्ष्मी व्रत के दौरान मंत्र जप
पूजा के समय निम्नलिखित मंत्रों का जप करना अत्यंत लाभकारी होता है:
- मां लक्ष्मी मूल मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्म्यै नमः।”
इस मंत्र का 108 बार जप करें। - श्री लक्ष्मी बीज मंत्र:
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।”
इस मंत्र का जप धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति के लिए किया जाता है। - श्री सूक्त मंत्र:
“ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह।”
यह मंत्र सुख और समृद्धि का कारक है। - श्री नारायण मंत्र:
“ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।”
इन मंत्रों का जप ध्यान और श्रद्धा के साथ करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
पूजा का समापन महालक्ष्मी आरती से करें
मां लक्ष्मी की आरती पूजा का अंतिम और महत्वपूर्ण चरण है। आरती करते समय “जय लक्ष्मी माता” गाएं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
आर्थिक तंगी दूर करने के उपाय
- कमल गट्टे की माला: मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप कमल गट्टे की माला से करें।
- दक्षिणावर्ती शंख की पूजा: दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें।
- गरीबों को दान: शुक्रवार के दिन गरीबों को सफेद वस्त्र, चावल और मिठाई दान करें।
- भोग लगाएं: मां लक्ष्मी को खीर या नारियल का भोग अर्पित करें।
वैभव लक्ष्मी व्रत और मां लक्ष्मी की पूजा से धन-संपत्ति और वैभव की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनके मंत्रों का श्रद्धा और भक्ति से जप करें। पूजा का समापन महालक्ष्मी आरती से करें और गरीबों को दान दें। इससे जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी।
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