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Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति को लेकर समय-समय पर नए घटनाक्रम सामने आते रहते हैं। इस बार एक दिल दहला देने वाली घटना ने बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में हलचल मचा दी है। माओवादी संगठन के मोस्ट वांटेड कमांडर दामोदर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपने बेटे की मृत्यु के बाद माओवादी आंदोलन को छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील कर रही हैं।
इस वीडियो में दामोदर की मां ने समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे की मौत के बाद यह समझ चुकी हैं कि हिंसा और माओवादी आंदोलन से केवल विनाश होता है। उन्होंने अपील की कि माओवादी संगठन का हिस्सा बने लोग और उनकी माताएं आंदोलन छोड़कर मुख्यधारा में लौटें, क्योंकि पुलिस और सरकार से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। दामोदर की मां ने साफ शब्दों में कहा कि राज्य की पुलिस या सरकार किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है और समाज में बदलाव लाने के लिए हिंसा का रास्ता सही नहीं हो सकता।
यह वीडियो बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ चल रही सुरक्षा अभियानों के बीच एक नया मोड़ ला सकता है। खासकर जब माओवादी गतिविधियों में कमी आ रही हो, ऐसे में यह वीडियो माओवादी समर्थकों के लिए एक बड़ी चेतावनी हो सकती है। दामोदर की मां का यह संदेश उन परिवारों के लिए भी है जो माओवादी आंदोलन के खिलाफ पुलिस और सरकार के साथ मिलकर काम करने से डरते हैं।
दामोदर, जो कि माओवादियों का एक प्रमुख कमांडर था, हाल ही में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ बस्तर के घने जंगलों में हुई थी, जहां माओवादी संगठनों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज हो गई है। दामोदर की मौत के बाद, माओवादी संगठन ने उसका शोक व्यक्त किया था, लेकिन अब उसकी मां द्वारा यह बयान सामने आया है, जो यह दर्शाता है कि केवल हिंसा के रास्ते पर चलकर कुछ हासिल नहीं होता है।
इसके बाद से तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है। सुरक्षा बलों ने माओवादी नेताओं और उनके मददगारों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाया है, जिससे माओवादी संगठन का नेटवर्क काफी हद तक कमजोर हुआ है। वहीं, बस्तर क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षाबलों की रणनीति अब अधिक सटीक हो गई है, और माओवादी आतंक का दौर पहले जैसा भयावह नहीं रहा।
हालांकि बस्तर और इसके आस-पास के इलाकों में माओवादियों की उपस्थिति कम हो रही है, फिर भी ये संगठन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं। सुरक्षा बलों की चौकस निगरानी और स्थानीय समुदायों की मदद से माओवादी गतिविधियों को धीरे-धीरे कम किया गया है। बस्तर और तेलंगाना के जंगलों में सुरक्षाबलों ने ऐसे कई ऑपरेशन किए हैं, जिनमें माओवादी नेताओं के कई प्रमुख ठिकानों को ध्वस्त किया गया है।
इसके बावजूद, माओवादी संगठन अब भी कुछ सीमित इलाकों में सक्रिय हैं, लेकिन पहले जैसी व्यापक गतिविधियां नहीं हैं। यह बदलाव छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सरकारों की कड़ी नीतियों और स्थानीय प्रशासन के बेहतर सहयोग का परिणाम है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, और लोग दामोदर की मां के इस बयान को लेकर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे एक सकारात्मक संदेश मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह वीडियो सरकार और सुरक्षाबलों द्वारा प्रसारित किया गया है ताकि माओवादी समर्थकों को मुख्यधारा में लाया जा सके। इसके बावजूद, इस वीडियो ने बस्तर और आसपास के क्षेत्रों में एक नई बहस को जन्म दिया है।
Bastar News
दामोदर की मां का यह बयान माओवादी आंदोलन से जुड़ी कड़वी सच्चाई को उजागर करता है। यह संदेश उन सभी लोगों के लिए है जो इस हिंसक संघर्ष में शामिल हैं, और यह बताता है कि हिंसा से समाधान नहीं मिलता, बल्कि इससे केवल दुख और विनाश आता है। दामोदर की मां का यह बयान एक नयी शुरुआत की ओर इशारा करता है, जहां लोग अपने जीवन को शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।
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