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Kerala News : केरल के कन्नूर जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति को मृत मानकर मुर्दाघर में भेज दिया गया, लेकिन उसे अंतिम संस्कार से पहले जिंदा पाया गया। यह घटना एकेजी कोऑपरेटिव हॉस्पिटल में हुई, जहां परिवार को बताया गया था कि उनका प्रियजन मर चुका है, और परिवार ने उसकी श्रद्धांजलि सभा के लिए शोक संदेश भी छपवा दिया था।
यह व्यक्ति, जो एक फेफड़ों से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त था, वेंटिलेटर पर था और डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर होने की बात कही थी। डॉक्टरों का कहना था कि अगर उसे वेंटिलेटर से हटा लिया गया तो उसकी मौत कुछ ही मिनटों में हो जाएगी। जब परिवार ने डॉक्टर की बातों को गंभीरता से लिया, तो उन्होंने मरीज को घर ले जाने का निर्णय लिया। घर पहुंचते ही उनकी शारीरिक अवस्था में कोई हलचल नहीं दिखी और उनका रक्तचाप (BP) बहुत कम हो गया था।
इसके बाद, परिवार ने डॉक्टर से पुष्टि करवा ली और उन्हें मुर्दाघर में रखने का निर्णय लिया। परिवार ने यह माना कि उनका प्रियजन अब इस दुनिया में नहीं है।
जब शख्स को मुर्दाघर में भेजा जा रहा था, तब अचानक उसकी उंगलियों में हलचल हुई। यह देखकर शवगृह के कर्मचारियों ने तुरंत उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया। हैरान करने वाली बात यह थी कि बीपी अब सामान्य हो गया था और मरीज की स्थिति में सुधार होने लगा।
डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत गंभीर थी, लेकिन अब धीरे-धीरे उसमें सुधार हो रहा है और वह जिंदा बच सकता है। यह घटना न केवल परिवार के लिए, बल्कि चिकित्सा जगत के लिए भी एक बड़ा आश्चर्य बनी हुई है।
वर्तमान में, इस व्यक्ति की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और डॉक्टरों की टीम उसकी निगरानी कर रही है। परिवार वाले इस चमत्कारी घटना से खुश हैं, लेकिन अब भी मरीज की हालत में सुधार की उम्मीद है। डॉक्टरों का कहना है कि भविष्य में मरीज की स्थिति को लेकर क्या परिणाम होंगे, यह अभी कहना मुश्किल है, लेकिन फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं।
यह घटना यह साबित करती है कि कभी-कभी चिकित्सा की दुनिया में चमत्कारी घटनाएँ भी घटित होती हैं। जहां एक तरफ परिवार शोक संदेश छपवा रहा था, वहीं दूसरी तरफ उनका प्रियजन मुर्दाघर में जिंदा हो उठता है। यह कहानी न केवल एक चमत्कारी वापसी की है, बल्कि यह हमें जीवन और मृत्यु के बीच के विभाजन को भी समझने का एक अवसर प्रदान करती है।
यह घटना मेडिकल विज्ञान और जीवन के प्रति हमारे दृष्टिकोण में भी बदलाव ला सकती है, क्योंकि कभी-कभी जो हम सोचते हैं, वह वास्तविकता से बहुत दूर होता है।
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