Mahakumbh 2025: महाकुंभ में सबसे अधिक चर्चा का विषय बनने वाले नागा साधु केवल कुंभ में ही दिखाई देते हैं। इसके बाद वे कहां चले जाते हैं, यह रहस्य ही बना रहता है। नागा साधुओं के कुल 13 अखाड़े होते हैं, जिनमें से 7 अखाड़ों में इन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है।
अखाड़ा: इस शब्द की उत्पत्ति
अखाड़ा शब्द का उपयोग साधुओं के दल के लिए किया जाता है। जानकारों के अनुसार, यह शब्द मुगल काल में अस्तित्व में आया। इससे पहले साधुओं के समूह को “बेड़ा” या “जत्था” कहा जाता था। अखाड़े में साधु शास्त्र विद्या और कठोर नियमों का पालन करते हुए तपस्या करते हैं।
नागा साधुओं का जीवन और दीक्षा प्रक्रिया
नागा साधु बनने की प्रक्रिया अत्यंत कठिन और लंबी होती है। इस यात्रा की शुरुआत महाकुंभ, अर्द्धकुंभ या सिंहस्थ कुंभ में होती है। जो व्यक्ति नागा साधु बनना चाहता है, उसे कठोर तप और साधना से गुजरना पड़ता है।
नागा साधुओं को उनके नग्न या वस्त्रधारी रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, निर्वस्त्र साधु मुख्यतः शैव अखाड़ों से आते हैं। नागा एक पदवी है, और यह वैष्णव, शैव, और उदासीन संप्रदायों में विभाजित है।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में नागा साधु का स्नान और परंपराएं
महाकुंभ में स्नान के दौरान नागा साधुओं का दल सबसे पहले आता है। ये साधु अपने शरीर पर भभूत (राख) और धुनी लपेटे होते हैं। इनके बाद महिला साधुओं की टोली स्नान करती है। महिला साधु भी केवल असिले कपड़े, जैसे दंती, पहनती हैं।
नागा साधुओं का रहस्यमय जीवन
महाकुंभ समाप्त होने के बाद नागा साधु कहां जाते हैं, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ये साधु काशी, हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज, और हिमालय की कंदराओं में जाकर तपस्या करते हैं।
प्रशिक्षण और अखाड़े
नागा साधुओं की ट्रेनिंग किसी कमांडो ट्रेनिंग से भी कठिन मानी जाती है। इन्हें आत्मसंयम, शास्त्र विद्या, और तपस्या में निपुण बनाया जाता है। नागा साधुओं को तैयार करने वाले 7 प्रमुख अखाड़े हैं:
- जूना अखाड़ा
- महानिर्वाणी अखाड़ा
- निरंजनी अखाड़ा
- अटल अखाड़ा
- अग्नि अखाड़ा
- आनंद अखाड़ा
- आह्वान अखाड़ा
Mahakumbh 2025: नागा शब्द का अर्थ
बहुत से लोग “नागा” का अर्थ नग्न समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। वस्त्रधारी भी नागा साधु हो सकते हैं। यह पदवी साधु के त्याग, तपस्या और अनुशासन का प्रतीक है।
नागा साधु का जीवन अद्वितीय और रहस्यमय है, जो आम जनमानस को हमेशा आकर्षित करता है। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति आस्था और परंपरा का एक अनोखा संगम प्रस्तुत करती है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.