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Effects Of Smoking : स्मोकिंग को लेकर आम धारणा है कि यह केवल धूम्रपान करने वालों के लिए ही हानिकारक है और कैंसर का खतरा सिर्फ उन्हीं को होता है। लेकिन नई रिसर्च ने इस मिथक को तोड़ दिया है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि स्मोकिंग का धुआं, जिसे हम “सेकंडहैंड स्मोक” कहते हैं, न केवल धूम्रपान करने वालों के लिए, बल्कि उनके आसपास के लोगों के लिए भी उतना ही हानिकारक है।
सेकंडहैंड स्मोक वह धुआं है जो धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के मुंह से निकलता है या सिगरेट, बीड़ी, सिगार के जलने से उत्पन्न होता है। यह धुआं अन्य लोगों के फेफड़ों में जाकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन के अनुसार, स्मोकिंग का धुआं फेफड़ों को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना कि खुद स्मोकिंग करना।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सेकंडहैंड स्मोक का प्रभाव फेफड़ों पर सीधे पड़ता है। इसके प्रमुख परिणाम इस प्रकार हैं:
अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि सेकंडहैंड स्मोक के संपर्क में आने वाले लोग भी धूम्रपान करने वालों के समान जोखिम उठाते हैं। अध्ययन में यह पाया गया कि नियमित रूप से इस धुएं के संपर्क में रहने से फेफड़ों में सूजन, संक्रमण, और दीर्घकालिक बीमारियां हो सकती हैं।
स्मोकिंग केवल धूम्रपान करने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि उनके आसपास के लोगों के लिए भी बेहद खतरनाक है। सेकंडहैंड स्मोक का प्रभाव व्यापक और गंभीर हो सकता है। नई रिसर्च ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर आप खुद स्मोकिंग नहीं करते हैं, तो भी स्मोकिंग का धुआं आपके फेफड़ों और समग्र स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। इसलिए, धूम्रपान-मुक्त वातावरण को प्राथमिकता दें और खुद को तथा अपने प्रियजनों को इस अदृश्य खतरे से बचाएं। स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना हमारे अपने हाथ में है।
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